भोपाल। मध्यप्रदेश की 16वीं विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को हरदा फैक्ट्री ब्लास्ट का मुद्दा गरमाया। ब्लास्ट मामले में कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा। डेढ़ घंटे तक चर्चा चली। इस बीच जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट मामले की न्यायिक जांच मांग को लेकर विरोध किया और नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए। साथ ही आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने की मांग की है। जिसे नहीं मानने पर गुस्साए विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इस पर सत्ता पक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस मौत पर राजनीति कर रही है। हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी। कुछ देर बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अनुपूरक बजट पेश किया।
बम की माला पहनकर पहुंचे कांग्रेस विधायक दोगने
हरदा से कांग्रेस विधायक आरके दोगने प्रतीकात्मक सुतली बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे।दोगने ने मौतों के आंकड़ों पर सवाल उठाया। दोगने ने कहा कि फैक्ट्री में 600 लोग थे। इलाज के लिए केवल 200-250 लोग ही आए तो फिर बाकी कहां गए। फैक्ट्री के तलघर में 200 लोगों के अभी भी दबे रहने की आशंका है। रेस्क्यू टीम ने तलघर में ठीक से नहीं देखा। बेसमेन्ट में विस्फोटक रखा था। आशंका है कि मिलेट्री में इस्तेमाल होने वाला विस्फोटक था। बहुत सारे लोग अभी भी मिसिंग हैं।
जांच कमेटी में लोकल विधायक और पत्रकारों को शामिल करें
हरदा विधायक रामकिशोर दोगने ने कहा कि हरदा हादसे पर जांच के लिए जो कमेटी बनाई है उसमें लोकल विधायक, पत्रकारों को शामिल किया जाना चाहिए। सदन में चर्चा के दौरान विधायक दोगने ने कहा कि फैक्ट्री मालिक को अगर मेरा संरक्षण था तो मुझे फांसी होनी चाहिए। जो वहां मंत्री था, उसका संरक्षण फैक्ट्री मालिक को था तो उसे भी फांसी होनी चाहिए।
कमलनाथ: सारे दोषियों को दंडित करना चाहिए
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा जिस तरह की सरकार चल रही है, हर तरह से लापरवाही हर क्षेत्र में हो रही है। हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट बहुत बड़ी दुर्घटना है। सारे दोषियों को दंडित करना चाहिए।
रामनिवास रावत: फैक्ट्रियां चलती हैं, हादसे होते हैं, हम चर्चा करते हैं
रामनिवास रावत ने सदन में सवाल किए कि पटवारी और तहसीलदार क्या कर रहे थे? कृषि भूमि पर फैक्ट्री कैसे संचालित थाी? बारूद का इतना स्टॉक कैसे रखा गया? लेबर्स का बीमा था या नहीं? विपक्ष ने कहा कि जो घटना के लिए जिम्मेदार है, वही मौतों के लिए जिम्मेदार है। रावत ने हादसे में मौतो के आंकड़ों पर सवाल खड़े किए। फैक्ट्री में सबसे पहले हादसा 2015 में हुआ था। अग्रवाल की फैक्ट्री कुंजरगांव और पीपलपानी में भी है। फैक्ट्री में कई बार हादसे हुए। पेटलावद में बड़े पैमाने पर लोग मारे गए थे। फैक्ट्रियां चलती हैं, हादसे होते हैं। हम चर्चा करते हैं। मुख्यमंत्री जी बैठे हैं, इस मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। कमेटी में विधायक को भी रखा जाए। कई लोग मिसिंग हैं।
उमंग सिंघार: सरकार न्यायिक जांच से क्यों बच रही है
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश सरकार क्यों न्यायिक जांच से बच रही है। सरकार मौतों का आंकड़ा भी छुपा रही है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने की मांग की है। दोषियों के घर पर बुलडोजर कब चलेगा। दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
फूलसिंह बरैया: हम गंभीरता से नहीं सोचेंगे तो हादसे बंद नहीं होंगे
विधायक फूलसिंह बरैया ने कहा कि हादसे होते रहे हैं, हम गंभीरता से नहीं सोचेंगे तो हादसे बंद नहीं होंगे। सबसे पहले जिम्मेदारी तय हो। कौन है जिम्मेदार? उन्होंने कहा कि जिम्मेदार सरकार है, लेकिन सरकार खुद पर FIR नहीं करेगी। एसपी, कलेक्टर पर FIR कर जेल भेजा जाए। तब तो जांच होगी, तभी जांच करने वाला सही जांच करेगा।
मोहन यादव: हरदा में विस्फोट देखकर ऐसा भी लगा जैसे आतंकी घटना हो गई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हरदा का वीडियो देखकर लगा था कि पोखरण जैसा विस्फोट हुआ।हमने कैबिनेट बैठक रोक कर सबसे पहले हमने टीम बनाई और मंत्री राव उदय प्रताप सिंह को अधिकारियों के साथ मौके पर भेजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी दी गई। हमने ग्रीन कॉरिडोर बनाया। हरदा में विस्फोट देखकर ऐसा भी लगा कि आतंकी घटना तो नहीं हो गई। एनजीटी के आदेश का परीक्षण कर रहे हैं। उसके आधार पर राहत राशि दिलाई जाएगी।
CM: जो भी दोषी होगा कार्रवाई करेंगे
सीएम ने कहा कि विस्फोट के कारण एक महिला का हाथ उड़ गया था। वह हमीदिया में एडमिट है। मैंने उससे बात की। जहां हादसा हुआ है वहां पीएम आवास नहीं देना चाहिए था, बस्ती बसाने के लिए कौन दोषी है, इसकी जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे। जो भी दोषी होगा भले वो कितना भी बड़ा हो कार्रवाई होगी।
घायलों को अगर बाहर भेजना पड़ा तो भेजेंगे
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि घायलों अच्छे से अच्छा इलाज मिलेगा। घायल मरीज को अगर इलाज के लिए बाहर भेजना होगा तो भेजेंगे। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि अभी तो फैक्ट्री संचालित हो रही है लेकिन पहले तो घर-घर बारूद देकर बम बनाए जाते थे। पटाखा फैक्ट्री को लेकर भविष्य में कोई भी फैसला लेना होगा तो दोनों राजनीतिक दल मिलकर एक कमेटी बनाएंगे और नियम बनाएंगे।