Mohan Yadav on Mamata Banerjee: कलकत्ता हाईकोर्ट के पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण पर आए फैसले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में चुनावी रैली को संबोधित मोहन यादव ने ममता बनर्जी के बयान को बेशर्मी भरा बताया। मोहन यादव ने कहा कि ममता बनर्जी देश में बंटवारे के बीज बो रही हैं। कुर्सी के लिए गंदा खेल खेला जा रहा है। जनता इसका जवाब देगी। शिवराज ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी जी और उनकी वोट बैंक की राजनीति पर हाईकोर्ट ने तमाचा मारा है।
ये अहंकार और अराजकता की पराकाष्ठा: शिवराज
इधर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्या ममता संविधान के ऊपर हैं? आजादी के बाद से आज तक संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति ने कभी यह नहीं कहा कि मैं कोर्ट के फैसले को नहीं मानूंगा। ये अहंकार और अराजकता की पराकाष्ठा है। शिवराज ने कहा कि सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने वाली ममता जी की कलई खुल गई है।
प. बंगाल में ममता बनर्जी जी और उनकी वोट बैंक की राजनीति पर माननीय हाईकोर्ट ने तमाचा मारा है।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) May 23, 2024
कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार द्वारा 2010 से 2014 तक जितने भी अल्पसंख्यकों को ओबीसी सर्टिफिकेट जारी किए थे, उन्हें असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने का फैसला सुनाया है।
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एक दिन भी पद पर रहने का अधिकारी नहीं
शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण देने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए शिवराज ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देने वाली मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) को एक दिन भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है। 118 जातियों को ओबीसी श्रेणी में डाला और बिना किसी नियम का पालन करते हुए अल्पसंख्यकों को भी ओबीसी सर्टिफिकेट दे दिए। इसे पश्चिम बंगाल के हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताया है और उसे रद्द करने का फैसला किया है।
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ममता बनर्जी अपने आप को समझती क्या हैं?
शिवराज ने कहा कि सिर्फ अपने वोट बैंक को बनाए रखने के लिए ओबीसी का आरक्षण छीनकर एक विशेष धर्म के लोगों को देना क्या न्याय संगत है? शिवराज ने कहा कि तुष्टिकरण पर उतारू ममता बनर्जी हाईकोर्ट के फैसले को मानने के बजाय कह रही हैं कि मैं ये फैसला नहीं मानती हूं। यह फैसला लागू नहीं होगा। क्या यह संविधान का अपमान नहीं है? ममता बनर्जी अपने आप को समझती क्या हैं?
मैं इसकी घोर निंदा करता हूं
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ममता बनर्जी बेशर्मी से यह कह रही हैं कि मैं कोर्ट के फैसले को नहीं मानूंगी। जनता सब समझती है। वह ही फैसला करेगी। भाजपा शुरू से कहती रही है कि इसी मानसिकता की वजह से देश का बंटवारा हुआ है। 1947 में धर्म के आधार पर ही देश बंटा था। ममता बनर्जी फिर से देश में बंटवारे के बीज बो रही हैं। कुर्सी के लिए यह बहुत गंदा खेल खेला जा रहा है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं।
ममता बनर्जी द्वारा जिस प्रकार राजनीतिक तुष्टिकरण के आधार पर 5 लाख से अधिक एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण काटकर मुस्लिम वर्ग को दिया गया था, उसे माननीय हाईकोर्ट द्वारा वापस लेने एवं एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को लौटाने का आदेश दिया गया है।
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राजनीतिक तुष्टिकरण एवं स्वार्थ के कारण… pic.twitter.com/6ZIHfPOd8a
भाजपा सबका साथ-सबका विश्वास की बात करती है
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण देने के फैसले को रद्द कर दिया है। इस पर डॉ. मोहन यादव ने आजमगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि भाजपा हमेशा से सबका साथ सबका विश्वास की बात करती आई है। धार्मिक आधार पर आरक्षण का विरोध करती आई है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि ममता बनर्जी की सरकार ने एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण काटकर मुस्लिम वर्ग को जो आरक्षण दिया है, वह गलत है। इसे रद्द कर दिया है। एससी-एसटी और ओबीसी को उनका हक वापस दिया जा रहा है। यह गलती कांग्रेस ने भी की है।
बाबा साहब आंबेडकर का अपमान है
सीएम मोहन यादव ने कहा कि आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में ओबीसी का हक काटकर मुस्लिमों को दिया गया है। मुस्लिमों को आरक्षण देना न केवल एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग को अधिकारों से वंचित करना है। बल्कि हमारी संविधान की मूल भावना के भी खिलाफ है। बाबा साहब आंबेडकर का अपमान है। संविधान के बाहर जाकर राजनीतिक स्वार्थ और तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस, ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी और अन्य पार्टियां जिस तरह का काम कर रही हैं, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। काल के प्रवाह में एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के साथ जो अन्याय इन लोगों ने किया है, वह अपनी स्थिति स्पष्ट करें।