Narsinghpur health services derailed: मध्य प्रदेश की बेपटरी  स्वास्थ्य सेवओं में सुधार होता नहीं दिख रहा। नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को गलत उपचार से एक बच्चे की मौत हो गई। आठ दिन पहले भी यहां एक ऐसी घटना सामने आई थी, लेकिन जिम्मेदारों ने सबक नहीं लिया। हालांकि, विभागीय अधिकारी गलत उपचार की बात निराधार बताई है। 

गोटेगांव में आठ दिन में दूसरी मौत, परिजन बोले-गलत इंजेक्शन से बच्चे ने तोड़ा दम

श्रीनगर निवासी एक दंपती का नौनिहाल बेटा बीमार था। जिसे वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोटेगांव लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टर ने बच्चे की जांच करने के बाद इंजेक्शन और कुछ अन्य दवाइयां लिखी, लेकिन इंजेक्शन लगााते ही बच्चे की तबीतय बिगड़ने लगी। परिजन कुछ समझ पाते उससे पहले ही उसकी मौत हो गई। परिनजों ने गलत इंजेक्श्न लगाने का आरोप लगया है। 

पिता बोला-इंजेक्शन लगाने से बिगड़ी तबीयत 
मृतक के पिता ने बताया कि बच्चे का शरीर गर्म था। जिसे अस्पताल लेकर आए थे। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कुछ दवाइयां लिखी थी। स्टाफ ने जैसे ही इंजेक्शन लगाया, उसकी तबीयत और बिगड़ने लगी और कुछ देर बात मौत हो गई। हमने डॉक्टर को दोबारा बताया, लेकिन अब क्या करें। 

दादी बोली-यहां कोई सुनने वाला नहीं है 
बच्चे की मां और दादी का रो रोकर बुरा हाल है। उसने बताया कि दूध नहीं पी रहा था, इसलिए डॉक्टर को दिखाने के लिए लाए थे, लेकिन यहां तो बच्चे की मौत हो गई। यहां कोई सुनने वाला नहीं है। समझ नहीं आ रहा है किसे बताएं। 

बीएमओ से परेशान है स्टाफ 
बीएमओ डॉ एसएस धुर्वे के खिलाफ भ्रष्टाचार व मनमानी से जुड़े कई संगीन आरोप लगते रहे हैं। अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने उनके खिलाफ प्रशासन से शिकायत की थी। साथ ही पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल को ज्ञापन सौंपा था। लेकिन न बीएमओ बदला गया और न ही अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार हुआ। 

इनपुट: गणेश प्रजापति, नरसिंहपुर