भोपाल। जबलपुर में लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम के मंच पर भाषण दे रहे मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अचानक डिंडौरी से कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम को भाजपा में शामिल होने का ऑफर दे दिया। सीएम मोहन संबोधन करने पहुंचे तो एक-एक करके सभी का नाम लिया। इस बीच सीएम मोहन ने कांग्रेस विधायक का नाम लेते हुए कहा कि कहां हैं आप। कहां गलत पटरी पर बैठे हुए हो हमारे साथ आओ। सीएम की यह बातें सुनकर कांग्रेस विधायक ओंकार सिंह मरकाम ने मंच पर ही खड़े होकर हाथ जोड़ लिए और उनका अभिवादन किया। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद सीएम की इस बात का ओमकार सिंह मरकाम ने जवाब भी दिया है। कांग्रेस विधायक मरकाम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री जी प्रदेश का विकास करें ज्यादा दिमाग न चलाएं।  

सीएम का मंच से इस तरह की बात करना सही नहीं  
कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री का मंच से इस तरह की बात कहना कहीं से भी सही नहीं है। विधायक ने कहा कि हम एक मजबूत विपक्ष और सरकार के साथ विकास में सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, लेकिन बीजेपी में जाने के लिए नहीं।

केंद्रीय मंत्री ने जबलपुर में 2367 करोड़ की दी सौगात 
दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री मोहन यादव मंगलवार को  2367 करोड़ की सौगात देने पहुंचे। मंच पर कई केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री और विधायक मौजूद थे। डिंडौरी से कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम भी मंच पर मौजूद थे। तभी सीएम ने विधायक ओमकार को भाजपा में आने का ऑफर दे दिया। 

जानें कौन हैं ओमकार सिंह मरकाम? 
ओमकार सिंह मरकाम का जन्म 2 मई 1976 को डिंडौरी के बरनई गांव में हुआ था। स्वर्गीय ननकू सिंह मरकाम के पुत्र ओमकार ने समाजशास्त्र में एमए किया है। वे मध्य प्रदेश के एक राजनीतिज्ञ हैं। वे मध्य प्रदेश के डिंडौरी निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधायक हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ओमकार सिंह मरकाम को आदिवासी कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। ओमकार मरकाम मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग, विमुक्त घुमंतू एवं अर्ध-घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग के कैबिनेट मंत्री थे। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सदस्य हैं।

2020 में मोहन से मिलने पहुंचे मरकान को पुलिस ने उठाकर फेंक दिया था
जानकारी के मुताबिक, 2020 में एमपी में कमलनाथ की सराकर गिरने के बाद शिवराज सरकार बनी। मोहन यादव को उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया था। मोहन यादव को डिंडौरी का प्रभार भी सौंपा था। उस समय मोहन यादव डिंडौरी के दौरे पर थे। उस वक्त मोहन यादव से मुलाकात करने गए ओमकार सिंह मरकाम पहुंचे थे। लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन ने बलपूर्वक ओमकार को उठाकर सड़क के किनारे फेंक दिया था।