Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में संचालित कोचिंग सेंटरों की जांच राखी के बाद एक बार फिर शुरू की जाएगी। इस दौरान देखा जाएगा कि सेंटरों में फायर ऑडिट, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट, पार्किंग और लिफ्ट ऑडिट के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है या नहीं। खासतौर से जिन बेसमेंट को सील किया गया था, वहां पार्किंग को लेकर क्या इंतजाम किए गए हैं।
व्यावसायिक गतिविधि का संचालन नहीं
भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने संचालकों को यह सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए एक महीने का समय दिया है। संचालकों को दी गई मियाद 3 सितंबर को खत्म होगी। एमपी नगर एसडीएम आशुतोष शर्मा ने पिछले दिनों कोचिंग सेंटर संचालकों की बैठक बुलाई थी। एमपी नगर सर्कल ऑफिस में हुई बैठक में संचालकों को साफ कर दिया कि बेसमेंट में कोई भी व्यावसायिक गतिविधि का संचालन नहीं किया जाएगा।
उपकरणों के ठीक कराने के भी निर्देश
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा है कि कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट का उपयोग सिर्फ वाहन पार्किंग के लिए ही किया जा सकता है। इसके साथ ही सभी को फायर ऑडिट, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट, पार्किंग और लिफ्ट ऑडिट अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए गए थे।
दिल्ली कोचिंग हादसे से सीख
बता दें कि कुछ दिनों पहले दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग के बेसमेंट में हुए हादसे में 3 स्टूडेंट्स की मौत हो जाने पर पूरे देश में कोचिंग संस्थानों की जांच की जा रही है। प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित अन्य बड़े शहरों की कोचिंग संस्थानों की जांच का मामला चलाया गया। अब एक बार फिर सितंबर के महीने में यह जांच की जाएगी। जिला प्रशासन कोचिंग संस्थानों की इमारतों को लेकर सक्रिय मोड़ पर नजर आ रहा है।