भोपाल। विधानसभा चुनाव में चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशियों की पीसीसी कार्यालय में बैठक चल रही है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी हार के कारणों पर चर्चा कर रहे हैं। बैठक में गुना सीट से हारे प्रत्याशी पंकज कनेरिया ने कहा कि पार्टी में आस्तीन के सांप नहीं, खुले सांप घूम रहे हैं। ये बड़े नेताओं के पाले हुए होते हैं। हम अपनी बात कहां रखें? ऐसे लोगों से पूछा जाना चाहिए कि जो आरोप आपके ऊपर कैंडिडेट ने लगाए हैं, उस पर क्या कहेंगे? यदि शिकायत सच निकलती है तो सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
'जो आस्तीन के सांप हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए'
मुंगावली (अशोकनगर) से प्रत्याशी रहे राव यादवेंद्र सिंह यादव ने कहा कि जो आस्तीन के सांप हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। यदि एक्शन नहीं लेंगे तो आने वाले लोकसभा के चुनावों में ऐसे ही परिणाम आएंगे जैसे विधानसभा में आए हैं। यादव ने कहा कि उनके भाजपा में लाड़ली बहना चला। उन्होंने बहनों को फोन कर कहा कि यदि वोट नहीं दिए तो ये पैसे मिलना बंद हो जाएंगे। हमारे पास भी बहनों के मोबाइल नंबर थे, लेकिन हम प्रदेश स्तर से फोन नहीं करवा पाए।
'हम बीजेपी के प्रति अंडर करंट को नहीं भांप पाए'
रमेश सिंह (अनूपपुर) ने कहा कि मेरा पहला चुनाव था। हम बीजेपी के प्रति अंडर करंट को नहीं भांप पाए। हमारे संगठन ने अपेक्षित काम नहीं किया। महिलाओं ने 52% वोट भाजपा को दिया तो हमारे मुद्दे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई प्रभावी नहीं रहे। संगठन में अनुशासन सख्त होना चाहिए।
'हमें कांग्रेस की नई शुरुआत करनी चाहिए'
सुरेंद्र सिंह शेरा (बुरहानपुर) ने कहा कि ईवीएम को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली जाकर बड़ा आंदोलन करना चाहिए। जिन लोगों ने खुलकर कांग्रेस का विरोध किया है। राष्ट्रीय सचिव, प्रदेश इंचार्ज को लिस्ट दी है, उसे क्रॉसचेक करवा लीजिए। हमें कांग्रेस की नई शुरुआत करनी चाहिए। चुनाव के पहले पर्यवेक्षक भेजना बंद कर दीजिए। यहीं से गड़बड़ी की शुरुआत होती है। आप आवेदन बुलाकर मेहनत करो। लोकसभा को लेकर जनवरी में ही दावेदार खोजो और चर्चा करो। फिर उसे जिताने के लिए फौज तैयार की जाए।