भोपाल। नगरीय प्रशासन के ई-नगरपालिका पोर्टल के बाद अब साइबर जालसाजों ने एनआरएचएम (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) के सर्वर को निशाना बनाया है। एक के बाद एक साइबर अटैक की आशंका ने मध्यप्रदेश की सवा आठ करोड़ आबादी के डाटा पर सवालिया निशान लगा दिया है।

मंगलवार को साइबर सुरक्षा की हाईलेवल बैठक में प्रदेश के साइबर सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी पाए गए हैं। यह बैठक गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने एनआरएचएम (नेशनल हेल्थ मिशन) के सर्वर पर साइबर अटैक की आशंका के चलते बुलाई। इसमें हेल्थ के डाटा में साइबर अटैक को लेकर जांच बैठा दी गई है। अटैक की कोशिश पुख्ता हो चुकी है, लेकिन यह किस स्तर का रहा और इससे कितना नुकसान हुआ इसकी अभी जांच होगी। 

अब भुवनेश्वर में बनेगा डाटा बैकअप सेंटर
एनआरएचएम पर साइबर अटैक की जानकारी तीन दिन बाद पता चली है। तीन दिन तक इसका किसी को पता नहीं था। इसलिए अब अटैक की स्थिति जांची जा रही है। साथ ही दूसरे विभागों के डिजिटल प्लेटफार्म को भी चेक करने के लिए कहा है, ताकि ये देखा जा सके कि कहीं और भी इस तरह अटैक का प्रयास तो नहीं हुआ है। सरकार ने अब यह तय किया है कि सर्वर का बैकअप रखने के लिए भुवनेश्वर में डाटा बैकअप सेंटर बनाया जाएगा। पहले यह दिल्ली, फिर जयपुर में बनाना तय हुआ था। लेकिन, अब इसे भुवनेश्वर में बनाना तय किया गया है। इस पर काम शुरू हो गया है।

अटैक करने वाले की लोकेशन नीदरलैंड मिली है 
नगरीय प्रशासन के ई-नगरपालिका पोर्टल के सर्वर पर अटैक के बाद लापरवाही का खुलासा भी इस बैठक में हुआ है। सबसे अहम ये कि इस बैठक में प्रदेश के 50 लाख मकानों के डाटा को लेकर चोरी का संदेश पाया गया है। अफसर ये ही नहीं बता सके कि यह डाटा सुरक्षित है या नहीं। बैठक में एसीएस डा.राजौरा ने आधा दर्जन विभागों के अफसरों के साथ प्रदेश में साइबर सुरक्षा को लेकर मंथन किया। इसमें साइबर सुरक्षा को लेकर ऑडिट करने का फैसला भी लिया गया है। अटैक करने वाले की लोकेशन नीदरलैंड मिली है।

अटैक हुआ तो मुख्य और बैकअप हो गए थे Crash
बता दें कि पिछली बार ई-नगरपालिका के सर्वर पर साइबर अटैक को लेकर भी बैठक में समीक्षा हुई। इसमें  डा.राजौरा ने डाटा सिक्योरिटी की रिपोर्ट मांगी, लेकिन इसे लेकर तकनीकी रूप से कुछ भी तय नहीं हो सका। इसलिए सात दिन की अवधि तय की गई है। इसमें ये बताना होगा कि साइबर अटैक के बाद जो डाटा है वो कहीं पर चोरी या कॉपी तो नहीं हुआ है। यदि हुआ है तो उसे भी तकनीकी रिपोर्ट देनी होगी।

आशंका है कि 50 लाख मकानों का डाटा चोरी न हो गया हो। वजह ये है कि ई-नगर पालिका के सर्वर का बैकअप भी उसी कम्प्यूटर सर्वर पर रखा जा रहा था, जो कि पूरी तरह गलत है। जब साइबर अटैक हुआ तो मुख्य सर्वर और बैकअप सर्वर दोनों बंद कर दिए गए। इससे दोनों ही  Crash हो गए। ये पूरा डाटा अलग से हार्ड डिस्क में रखा था, जो अभी बची है। इसी से डाटा रिस्टोर होगा।