Bank loan Fraud in Ratlam: फर्जी फाइनेंस कंपनी के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शनिवार को न्यायालय ने उसे 7 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेजा है। आरोपी मोहम्मद फारूक गुजरात का रहने वाला है। उसने कई राज्य के लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया है। पिछले 5 माह से पुलिस को चकमा दे रहा था। 

फरवरी 2024 में शिकायत
रतलाम के स्टेशन रोड निवासी फरियादी गिरीश मेहता ने फरवरी 2024 में शिकायत दर्ज कराई थी। मोहम्मद फारूक नामक व्यक्ति ने खुद को रतलाम निवासी बताते हुए फाइनेंस कंपनी खोलने किराए का मकान लिया। इसी पते पर मोबाइल सिम ली और महाराष्ट्र बैंक में खाता खुलवाया। इसके बाद अखबार में गेट ग्लोबल नाम से फाइनेंस कंपनी का विज्ञापन देकर कर्मचारियों की भर्ती की। उनसे हाउस, बिजनेस, पर्सनल, मार्डगेज, एग्रीकल्चर लोन के लिए पम्‍पलेट छपवाए थे।

मकान मालिक से भी लिए 27 लाख
ऑफिस सेटअप जमाने के बाद आरोपी ने लोन वितरण का झांसा देकर लोगों से 15 लाख रुपए प्रोसेस शुल्क जमा करा ली। इसके बाद मकान मालिक गिरीश मेहता से भी 27 लाख रुपए ले लिए। कहा, 122 लोगों को लोन वितरित करना है। आरबीआई से अप्रूवल मिलते ही रुपए वापस कर देगा। गिरीश मेहता ने 14 लाख नकद और 13 लाख कंपनी के खाते में ट्रांसफर किए। 

राजस्थान-गुजरात व बिहार-झारखंड में भी ऑफिस 
मोहम्मद फारूक ने पुलिस को बताया, बैंक लोन के लिए वह इंटरनेट व अखबारों में विज्ञापन देता था। रतलाम के अलावा उसने राजस्थान के जोधपुर, सीकर, ओड़िशा के भुवनेश्वर, गुजरात के सूरत-अहमदाबाद व बिहार-झारखंड में फर्जी कंपनियों खोल रखी थी। सीकर में वेबसाइट बनवाकर बैंक लोन के लिए ऑनलाइन फार्म भरवाए जा रहे थे। ठगी के 20 लाख रुपए उसने अजमेर में क्रिकेट सट्टे के बुकी को दिए थे। 

रुपए लेकर फरार 
रुपए मिलने के बाद फारूक मुंबई आरबीआई ऑफिस जाने की बात कहकर ऑफिस बंद कर फरार हो गया। गिरीश मेहता की रिपोर्ट पर धारा 420, 406, 467, 468, 471, 34, 120 बी में प्रकरण दर्ज कर पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

एसपी राहुल लोढा ने मोहम्मद फारूक की गिरफ्तारी के लिए स्टेशन रोड थाना व सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित की थी। टीम ने खोजबीन कर उसे गिरफ्तार कर लिया। टीम में टीआई दिनेश भोजक, एसआई प्रेमसिंह हटीला, सायबर सेल के प्रधान आरक्षक मनमोहन शर्मा, लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी, आरक्षक विजय निनामा व लोकेंद्र सोनी शामिल थे।