भोपाल। रामलला के दर्शन करने पैदल अयोध्या राम मंदिर जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई। बेटे के जाने से परिवार बदहवास हो गया, लेकिन मां ने हिम्मत रखी और बेटे के अंगदान का फैसला लिया। मां ने बेटे का अंगदान कर किसी अनजान को नया जीवन देने के बारे में सोचा। पिता और छोटी बहन ने भी इस पुण्यकार्य के लिए सहमति दी। मृतक के परिवार के इस हौसले को सब सलाम कर रहे हैं। युवक देवास का रहने वाला है, लेकिन इलाज के दौरान इंदौर के अस्पताल में उसकी मौत हुई।
पूरी कहानी: मुश्किल घड़ी में मां ने खुद और परिवार को संभाला
देवांग जोशी (21) देवास से अयोध्या राम मंदिर के लिए निकला। अपने साथियों के साथ पदयात्रा कर रहा देवांग सांची के पास रोड एक्सीडेंट का शिकार हो गया। देवांग को इलाज के लिए भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इसके बाद इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल रेफर किया गया। इंदौर में देवांग की मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद परिवार पर दुख का पहाड़ टूटा पड़ा। ऐसे हालात में अपने दुखों को भूलकर मां रश्मि जोशी ने एक अनजान शख्स को नया जीवन देने के बारे में सोचा। रश्मि ने मुश्किल घड़ी में भी बेटे के अंगदान का फैसला लिया और किसी को नया जीवन देने के बारे में सोचा। देवांग के पिता चंद्रमणि जोशी और छोटी बहन जाह्रनवी ने भी इस पुण्यकार्य के लिए सहमति दी। रश्मि देवास में पटवारी हैं।
डॉक्टरों ने अंगदान के लिए की थी विनती
जानकारी के मुताबिक, बेटे की मौत के बाद डॉक्टर अमित जोशी, मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी और संदीपन आर्य ने देवांग के परिवार से अंगदान की विनती की थी। परिजनों ने स्वीकृति दी और अब अंगदान की दिशा में तैयारी शुरू हो गई है। इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल से चोइथराम हॉस्पिटल के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है।
लिवर और किडनी का किया जाएगा Transplant
जन्म से ही देवांग जोशी के शरीर में एक किडनी है। देगांव की मौत के बाद अब उसकी किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल में पंजीकृत 42 वर्षीय महिला रोगी को प्रत्यारोपित की जाएगी। लिवर चोइथराम हॉस्पिटल के पंजीकृत रोगी को प्रत्यारोपित किया जाएगा। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और संभागआयुक्त मालसिंह इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।