Dhar Bhojshala dispute: अयोध्या के बाबरी और काशी की ज्ञानवापी की तर्ज पर धार की भोजशाला में पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग की गई है। इंदौर हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। हिंदू पक्ष की ओर से भोजशाला में हर शुक्रवार को होने वाली नमाज पर रोक लगाए जाने की मांग की है। दावा किया यह विद्या की देवी सरस्वती का मंदिर है। वसंत पंचमी पर हर वर्ष हां सरस्वती की आरधना होती है।
भोजशाला विवाद को लेकर न्यायालय में अलग-अलग संगठनों ने सात जनहित याचिका दायर की हैं। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने भी भोजशाला में नमाज पढ़ने से रोकने और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार देने की मांग की है।
भोजशाला विवाद के अहम तथ्य
- प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार, भोजशाला राजा भोज ने बनवाई थी। जिसे मुस्लिम शासक ने मस्जिद में परिवर्तित कर दिया। कमाल मौलाना मस्जिद में मंदिर के अवशेष मौजूद हैं।
- हिंदू पक्ष का दावा है कि भोजशाला की जगह पहले यूनिवर्सिटी थी। जहां दूर-दूर से स्टूडेंट्स पढ़ने आते थे। यहां वाग्देवी देवी की प्रतिमा स्थापित थी। जो अब लंदन में म्यूजियम में रखी है।
- भोजशाला में मंगलवार को पूजा-अर्चना और शुक्रवार दोपहर 1 से 3 बजे तक नमाज पढ़ी जाती है। इस दौरान दोनों पक्ष के लोगों को नि:शुल्क प्रवेश मिलता है। शेष समय 1 रुपए का टिकट लगता है। वसंत पंचमी पर पूरे दिन सरस्वती पूजा के कार्यक्रम होते हैं।
- जिस वर्ष वसंत पंचमी शुक्रवार को होती है। तब विवाद की आशंका बढ़ जाती है। क्योंकि, इसी दिन हिंदू पक्ष पूजा और मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज के लिए जुटते हैं। 2006, 2012, 2016 में ऐसा ही संयोग था। अब 2026 में यह स्थिति बनेगी।
कोर्ट में प्रस्तुत किए भोजशाला के 24 फोटोग्राफ्र, बताया अयोध्या जैसा विवाद
कोर्ट ने इसे अयोध्या जैसा विवाद बताया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विनय जोशी ने 24 फोटोग्राफ भी पेश कर बताया कि भोजशाला में संस्कृत के श्लोक लिखे हैं। वाग्देवी का मंदिर है। मूर्ति लंदन के म्यूजियम में है। एएसआई की रिपोर्ट में भी मंदिर का उल्लेख है। हिंदू पक्ष की मांग है कि आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से साइंटिफिक सर्वे कराया जाए। ताकि, स्पष्ट हो सके कि भोजशाला का धार्मिक कैरेक्टर क्या है? मामले में सुनवाई कर रही बेंच ने मामले में लंबित अन्य याचिकाओं की जानकारी मांगी है।