Logo
Dhar Bhojshala survey: धार भोजशाला के ASI सर्वे का आज 24वां दिन है। रविवार को भी सुबह 8 बजे से एएसआई टीम के 22 अधिकारी-कर्मचारी 27 मजदूरों और आधुनिक उपकरणों के साथ भोजशाला पहुंचे।

Dhar Bhojshala survey: धार भोजशाला के ASI सर्वे का आज 24वां दिन है। रविवार को भी सुबह 8 बजे से एएसआई टीम के 22 अधिकारी-कर्मचारी 27 मजदूरों और आधुनिक उपकरणों के साथ भोजशाला पहुंचे। इस दौरान काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

धार भोजशाला को लेकर हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने बताया कि सर्वे का काम तेजी के साथ किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जानकारी लगी है कमाल मौलाना दरगाह के नीचे तलघर है। इसके साथ ही दो गुंबदों के नीचे एक हनुमानजी का मंदिर भी है और दक्षिणेश्वर महादेव शिवलिंग की स्थापना थी, यहां नाथ संप्रदाय पहले से ही मौजूद था।

हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था- गोपाल शर्मा
शर्मा ने बताया कि पूरे धार शहर में कुल 437 मजारे हैं, वे सब नाथ संप्रदाय की समाधियां हैं। कमाला मौलाना के मरने के लगभग 300 साल बाद 16वीं शताब्दी में मोहम्मद खिलजी और मोहम्मद गौरी ने वहां पर ईट के माध्यम से दोनों देवस्थानों को ध्वस्त कर मजार बनवा दी। इतना ही नहीं ऐसे कई उदाहरण हैं। जिनके नीचे तलघर में मजार बनी हुई है। इसके अलावा कुतुब मीनार भी हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था। 

गोपाल शर्मा ने यह भी बताया कि धार भोजशाला में 5 हजार विद्यार्थी अध्ययन और 1300 आचार्य विद्यादान करते थे। यहीं से विद्वान पूरे आर्यावर्त में हिंदू समाज का प्रचार का काम करते थे। इसको खत्म करने के लिए 1305 में अलाउद्दीन खिलजी ने यहां पर आक्रमण किया था। हिंदुओं के लिए बहुत ही खुशी का दिन है कि सर्वे किया जा रहा है। इसके सर्वे के बाद निश्चित रूप से जो राजा भोज के काल में इस भोजशाला का स्वरूप था। वह पुनः प्राप्त होगा।

उर्दू, अरबी, फारसी में मिल रहे पत्थर
वहीं मुश्लिम पक्ष के कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अब्दुल समद खान ने बताया कि दरगाह के अंदर जो भी शिलालेख और पत्थर मिल रहे हैं। उन पर उर्दू, अरबी और फारसी में लिखा हुआ है। जिसकी जांच के लिए कुछ स्पेशल मशीनें और साइंटिस्ट यहां पहुंचने वाले हैं।

इंदौर हाईकोर्ट बेंच के आदेश के बाद शुरू हुआ ASI सर्वे 
धार भोजशाला का ASI सर्वे इंदौर हाईकोर्ट बेंच के आदेश के बाद शुरू किया गया है। जिसके अनुसार भोजशाला और भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में उत्खनन, जीपीएस, उच्च स्तरीय फोटोग्राफी,  जीपीआर, कार्बन डेटिंग, वीडियोग्राफी समेत अन्य आधुनिक तकनीक के माध्यम से लगातार कार्य किया जा रहा है। आने वाले कुछ समय में जांच के लिए कुछ नए साइंटिस्ट और मशीनें भी आने वाली हैं। 

CH Govt
5379487