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Dhar famous Places: मध्यप्रदेश का धार जिला अपने एतिहासिक किले और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के विख्यात है। यहां का धारेश्वर मंदिर, गढ़ कालिका मंदिर, भक्तामर तीर्थ सहित कई रमणीय स्थल हैं। जहां हजारों लोग पहुंचते हैं।

Dhar Popular Places: मध्यप्रदेश में 55 जिले हैं। हर जिले की अपनी एक अलग पहचान है। रहन-सहन, बोली, व्यंजन के लिहाज से भी यह एक-दूसरे से अलग हैं। हरिभूमि आपको 'मेरा शहर' सेगमेंट में हर दिन एक जिले की संस्कृति, सभ्यता और वहां की परंपराओं से रूबरू करा रहा है। जानें जिला धार की खासियत...। 

धार जिले का इतिहास

  • यह जिला मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग में स्थित है इस जिले में परमारों ने 400 वर्ष तक राज किया। भोजदेव इस राजवंश के प्रसिद्ध शासक थे उनका नाम एक विद्वान और लेखक के रूप में थी। उन्होंने अनेक  विषयों पर पुस्तकें लिखी।
  • भोजदेव ने धार तथा भोपाल के पास भोजपुर की स्थापना की और भोजपुर मंदिर सहित अनेक शिव मन्दिरों का निर्माण किया। 1305 ई. में धार तथा माण्‍डू पर अलाउद्दीन खिलजी ने कब्जा कर लिया।
  • 1401 ई. में  दिलावर खान  शासन की बागडोर संभाली तथा स्वतंत्र मालवा राज्‍य की स्‍थापना की उसने धार को अपनी राजधानी बनाया। उसके पुत्र होशंगशाह ने धार को हटाकर माण्‍डू को अपनी राजधानी बनाया। 1435 में होशंगशाह की मृत्यु हो गई तथा उसे एक शानदार मकबरे में दफनाया गया, जो आज भी माण्डू में मौजूद है।
  • अकबर के संगठन में धार माण्डू सरकार में मुख्य नगर था अकबर दक्षिण पर आक्रमण का संचालन करते समय सात दिन तक धार में रहा 1857 की महान क्रान्ति के बाद 1948 तक धार पर के शासकों का शासन बना रहा ।

धार जिले के 10 प्रमुख पर्यटन स्थल

  • गढ़ कालिका देवी मंदिर (Gadhkalika Mata Mandir): यह जिले के देवी सागर तालाब के पास स्थित है मंदिर का निर्माण धार के पंवार राजवंश ने किया था। यह मंदिर प्राचीन वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है। गढ़ कालिका मंदिर के पास सात और मंदिर भी बनवाए हैं। इनमें गणेश मंदिर और मांडू राम मंदिर शामिल हैं। यहां देवी की पूजा एक विवाहित महिला के रूप में की जाती है। मंदिर की मान्यता है भक्त यहां उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं। जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो दोबारा यहां आते हैं और स्वास्तिक बनाते हैं। यहां हजारो श्रद्धालु आते है और माता की पुजा करते है यह मंदिर पर्यटकों का आस्था का केंद्र है।
  • धारेश्वर मंदिर  (Dhareshwar Mandir) यह मंदिर धार जिले में स्थित है  इसे परमार वंश के राजा मुंज ने बनवाया था यह एक शिव मंदिर है। शिवलिंग के चारों ओर मंदिर की संरचना बनाई गई है। कहा जाता है कि इसी मंदिर के नाम पर इसके चारों ओर पूरा धार शहर विकसित किया गया था। मंदिर में भगवान हनुमान, भगवान गणेश और माता त्रिपुर सुंदरी की सुंदर मूर्तियां हैं।यहां हर लाखों श्रद्धालु आते हैं और शिवलिंग की पुजा करते है। यह स्थान पर्यटकों का आस्था का केंद्र है।
  • भक्तामर तीर्थ (Bhaktamar Tirth) यह एक जैन तीर्थ स्थल है मंदिर का निर्माण जैन आचार्य मानतुंगाचार्य ने किया था । मंदिर के गर्भगृह में भगवान आदिनाथ की सुंदर प्रतिमा सुशोभित है। मंदिर की वास्तुकला और मूर्तियां बहुत आकर्षक हैं। नक्काशीदार खंभे, दीवारों पर धार्मिक चित्र, विभिन्न मुद्राओं में मूर्तियां मंदिर की अनुभूति को बढ़ाती हैं।  यह मंदिर पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है।
  • नित्यानंद आश्रम (Nityanand ashram) नित्यानंद गुरुजी 1939 में पहली बार धार आए थे। 1951 में उन्होंने यहीं पर समाधि ली थी। इस मंदिर का निर्माण बाबा नित्यानंद ने किया था । उन्होनें यहां एक शिव मंदिर, यज्ञ शाला और एक गौशाला का निर्माण किया। गुरु पूर्णिमा और दशहरा के अवसर पर बड़ी संख्या में यहां  श्रद्धालु आते है।  
  • डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान बाग (Dinosaur Fossil National Park Bagh) यह स्थान सदियों पुराने युग के कई जीवाश्मों को संग्रहीत करता है। बाग का पूरा क्षेत्र नर्मदा घाटी सदियों पुराने जीवाश्मों से भरी हुई है। यहां शाकाहारी डायनासोर के 65 मिलियन वर्ष पुराने पेटीकृत अंडे है जिसे सबसे बड़े अंडों में से एक माना जाता है। शार्क मछली के 74 से 100 करोड़ साल पुराने अवशेष, नर्मदा जल में पाए जाने वाले 86 मिलियन वर्ष पुराने जीवाश्म समुद्री जीव।यह पार्क पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है।
  • मोहनखेड़ा जैन तीर्थ (Mohankheda Jain Tirth) यह धार से 50 किमी दूर स्थित है । मयह सबसे महत्वपूर्ण जैन मंदिर है इसे  सफेद संगमरमर का उपयोग करके बनाया गया है। मंदिर में भगवान आदिनाथ की 16 फीट लंबी मूर्ति स्थापित है राजेंद्रसूरीश्वर महाराज साहब का सुंदर समाधि है जिसका आंतरिक भाग सोने से बना है । यहां तीन बड़े विश्राम गृह हैं  250 आरामदायक कमरे हैं। प्रतिमाएं मनमोहक है जिसके दर्शनों से मन को आलौकिक आनंद एवं शांति प्राप्त होती है।यह मंदिर पर्यटकों का आस्था का केंद्र है।
  • भोपावर जैन तीर्थ (Bhopawar Shantinath): यह जिले से 6 किमी दूर स्थित है यह एक जैन तीर्थ है। मंदिर में भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा स्थापित है। इसे भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी बड़े भाई रुक्मी द्वारा स्थापित किया गया था। द्वापर युग में यह नगर एक सुन्दर एवं समृद्ध नगर था। रुक्मी ने यहां एक भव्य मंदिर बनवाया और भगवान शांतिनाथ की 12 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की।मंदिर की मान्यता है करीब 6 फीट लंबा सांप को मंदिर की परिक्रमा करते देखा है। यहां हर वर्ष पौष-दशमी पर भोपावर में एक मेले का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव में लाखों श्रद्धालु आते हैं।
  •  रानी रूपमती महल (Rani Rupmati Palace): यह3 65 मीटर ऊंची खड़ी चट्टान पर स्थित है इस महल का निर्माण बाजबहादुर ने अपनी  पत्नी रानी रूपमती के लिए कराया था। रानी रूपमती सुबह ऊठकर मां नर्मदा के दर्शन करने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करती थी। इसलिए ऊंचाई पर इस महल का निर्माण कराया था।
  •  हिन्डोला महल (Hindola Mahal): यह शाही इमारतों में से एक है इसका निर्माण होसांग शाह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इसे  मुख्‍य रूप से दरबार के रूप में उपयोग किया जाता था जहां राजा बैठकर अपनी प्रजा की समस्‍याओं को सुनते थे। इस महल में बाहरी दीवारें 77 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है इसलिए इसे हिंडोला महल कहा जाता है।भारत के इतिहास में यह महल महत्‍वपूर्ण है और इसकी वास्‍तुकला भी काफी विख्‍यात है। 
  • जहाज महल (Jahaz Mahal): यह महल दो झीलों कापुर तालाब और मुंज तालाब के बीच बना हुआ । इसका निर्माण उददीन खिजली ने किया था । यह महल देखने में जहाज के जैसा दिखता है। यहां कई फव्‍वारे और कैनॉल है जिनसे पानी बहता है।यहां से झील का नजारा और आसपास बने हुए गार्डन का नजारा बेहद खूबसूरत होता है।  यह महल फोटो खींचने के शौकीन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
     
    Dhar Popular Places Jahaj Mahal
    Dhar Popular Places Jahaj Mahal

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​​​​​धार जिले के जरूरी तथ्य

धार की जनसंख्या 2,185,793
धार का क्षेत्रफल  8,153 Sq. Km
धार के प्रमुख व्यंजन दाल पानीये व दाल बाटी
धार की बोली  मालवा की बोली और हिंदी 

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धार जिले के प्रमुख उत्पादन

  • खुरासानी इमली: खुरासानी इमली धार के प्रमुख उत्पादन। यह खिलजी के शासन के दौरान यह वृक्ष अफ्रीका से माण्डव लाया गया था और नामकरण ‘खुरासानी इमली हो गया।इस पेड़ के तने का व्यास 30 मीटर से भी ज्यादा और इसकी उम्र 5 हजार वर्ष से भी है। यह पेड़ अपने जीवन काल में लगभग 1,20,000 लीटर तक का पानी संग्रह कर सकता है।
  • सोयाबीन: सोयाबीन धार के प्रमुख उत्पादन है । यह उच्च गुणवत्ता का सोयाबीन जिला धार में उत्पादित किया जाता है। 
  • बाग प्रिंट: बाग प्रिंट प्राकृतिक रंगों के साथ एक पारंपरिक हैंड ब्लॉक प्रिंट है। इसका नाम बाग नदी के तट पर गांव बाग से लिया गया है।
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