Railway News: गणेश उत्सव व अन्य तीज त्यौहार के दौरान रेलवे की ओर से भोपाल से दिल्ली, बिलासपुर सहित अन्य रूटों पर चलने वाली ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। इसके चलते इन रूटों पर सफर करने वाले यात्रियों की मुश्किलें बढ़ने वाली है।
दरअसल अगर आपकी सितंबर महीने में वंदे भारत और भोपाल एक्सप्रेस से दिल्ली या ग्वालियर, झांसी व आगरा आदि स्टेशनों के लिए सफर करने की योजना है, तो यह खबर आपके लिए है, क्योंकि पलवल रेलवे स्टेशन पर मेंटेनेंस काम के चलते भोपाल मंडल से संचालित होने वाली इन ट्रेनों को दोनों ओर से निरस्त कर दिया गया। उमरिया स्टेशन को तीसरी लाइन से जोड़ने के काम के चलते अगले 20 दिनों तक भोपाल- बिलासपुर एक्सप्रेस को 12 सितंबर तक कैंसल किया गया है। भोपाल से दमोह के बीच संचालित होने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस आगामी दिनों तक सागर तक जाएगी।
ये ट्रेनें कैंसिल की गई
- 12155 रानी कमलापति निजामुद्दीन एक्सप्रेस अपने प्रारंभिक स्टेशन से 6, 07, 08, 09, 10, 11, 12, 13, 14 और 15 सितंबर को निरस्त रहेगी।
- 12156 (निजामुद्दीन रानी कमलापति एक्सप्रेस) अपने प्रारंभिक स्टेशन से 6. 07.08, 09, 10, 11, 12, 13, 14 और 15 सितंबर को निरस्त रहेगी।
- 20171 रानी कमलापति-निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस अपने प्रारंभिक स्टेशन से 17 सितंबर को निरस्त रहेगी।
- 20172 निजामुद्दीन-रात्री कमलापति वंदे भारत एक्सप्रेस अपने प्रारंभिक स्टेशन से 17 सितंबर को निरस्त रहेगी।
ये ट्रेन आगरा तक जाएंगी
12192 जबलपुर-निजामुद्दीन श्रीधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस 5 से 16 सितंबर तक आगरा कैंट स्टेशन तक ही जाएगी। 12191 निजामुद्दीन-जबलपुर श्रीधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस 6 से 17 सितंबर तक आगरा कैंट स्टेशन से प्रारंभ होगी।
इन ट्रेनों का रूट किया परिवर्तित
12191 निजामुद्दीन-जबलपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस 29, 30, 31 अक्टूबर, 01, 02, 03, 04, 05 को परिवर्तित मार्ग वाया गाजियाबाद-मथुरा-आगरा कैंट होकर जाएगी। असुविधा से बचने के लिए अधिकृत रेलवे पूछताछ सेवा से जानकारी लें।
135 स्टेशनों पर अपडेट सिग्नलिंग सिस्टम
पश्चिम मध्य रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम में तेजी से अपवोडेशन कर रही है। इसके तहत पुरानी इंटरलॉकिंग प्रणाली को बदलकर अत्याधुनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से अलग-अलग रेलखंडों को अपडेट किया जा रहा है। भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया ने बताया कि पमरे जोन की महाप्रबंधक शोमना बंदोपाध्याय के निर्देश पर ट्रेन संचालन में डिजिटलीकरण एवं आधुनिकीकरण और सुरक्षा बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है। पश्चिम मध्य रेलवे ने बड़ी संख्या में अपने स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम शुरू किया है. जो ट्रेन की आवाजाही पर सटीक नियंत्रण सुनिश्चित करता है और मानवीय त्रुटि की संभावना को समाप्त करता है।
डवांस इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंवा प्रणाली
पश्चिम मध्य रेलवे सभी विद्युत सिग्नलिंग प्रणालियों को नार कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से बदल रहा है। इसके तहत भोपाल, जबलपुर और कोटा मंडल के 45-45 स्टेशनों समेत कुल 135 स्टेशनों को कंप्यूटर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉक प्रणाली से अपग्रेड कर दिया गया है। शेष स्टेशनों को भी तेजी से इस एडवांस इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंवा प्रणाली से लैस किया जा रहा है।
ऐसे करता है काम
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल, पॉइंट और लेवल-क्रॉसिंग गेटों को नियंत्रित करने के लिए कंप्यूटराइज्ड सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से संचालित होता है। पारंपरिक विद्युत रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम में बड़ी संख्या में तार व रिले की जगह इस नई तकनीक में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग लॉजिक के लिए सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक घटकों का उपयोग करता है। ये सिस्टम यार्ड में सिग्नलिंग गियर से प्राप्त इनपुट को पढ़ता है और ऑपरेशनल कंसोल (वीडीयू) से प्राप्त आदेशों को सुरक्षित तरीके से संचालित करता है।
मानवीय जोखिम कम
इस सिस्टम से ट्रेनों की गति बढ़ाने में भी मदद मिलती है। यह प्रणाली परस्पर विरोधी मागों, गलत सिम्जल या मानवीय चूक से होने वाली दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करती है। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को कवच तकनीक के साथ-साथ सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के साथ भी जोड़ा जा सकता है। इसके अलावा, यह कुशल कामकाज में भी सक्षम है। आधुनिक सिग्नल प्रणाली से ट्रेन परिचालन में सुरक्षा बढ़ती है।