MP News: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने बिजली बिल वसूली के लिए सख्त प्लान बनाया है। बिल भुगतान न करने पर उपभोक्ताओं के बैंक एकाउंट से राशि कट जाएगी। कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति के पास हर उपभोक्ता की बैंक डिटेल्स होगी।
प्रस्तावित योजना के मुताबिक, उपभोक्ता द्वारा बिजली बिल का भुगतान न करने पर परिवार के अन्य सदस्यों यानी उसके पिता, मां, भाई और बहन के खाते से भी राशि काटी जा सकती है।
कलेक्टर की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी
बिजली बिल वसूली के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटियां गठित की जाएंगी। इसमें पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त, सीएमओ और विद्युत कंपनी के अधीक्षण अभियंता सदस्य होंगे। बकाया बिल वसूली और कस्टमर केवाईसी (KYC) की प्रक्रिया के साथ बिजली चोरी रोकने की जिम्मेदारी भी कमेटी निभाएगी। कर्मचारियों से होने वाली हिंसक घटनाओं पर कार्रवाई करेगी।
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अटल गृह ज्योति योजना की सब्सिडी घटेगी
मध्य प्रदेश सरकार अटल गृह ज्योति योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी भी घटा सकती है। घरेलू उपभोक्ता को अभी 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली मिलती है। इसे बढ़ाकर 150 रुपए किया जा सकता है। सब्सिडी की पात्रता घटाई जा सकती है। सरकार के इस कदम से करीब 62 लाख उपभोक्ता खुद ही दायरे से बाहर हो जाएंगे।
उपभोक्ताओं के आधार लिंक नहीं
मध्यप्रदेश में 1.77 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें से 1.1 करोड़ के आधार लिंक नहीं हैं। लिहाजा, सरकार ने उपभोक्ताओं की प्रॉपर्टी को बिजली कंपनी के डेटा बेस से लिंक कराने का निर्णय लिया है।
11,560 करोड़ बकाया
मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों पर 11,560 करोड़ रुपए बकाया है। इसमें 3,173 करोड़ सरचार्ज जुड़ जाएगा। बकाया राशि की वसूली के लिए तीन विकल्प तैयार किए गए हैं।