भोपाल। फेमस कॉमेडियन भारती सिंह उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती में गुरुवार को शामिल हुईं। नंदी हॉल में बैठकर भारती ने दर्शन किए और महाकाल की भक्ति में लीन रहीं। आरती के बाद भारती ने कहा, 'भगवान से कुछ भी मांगने का समय नहीं मिला। मैं तो बस महाकाल को देखती रही। आंसू निकल रहे थे। जैसे बच्चे को तैयार करते हैं, ऐसा लगा महाकाल तैयार हो रहे हैं। जो मेरी कॉमेडी पसंद करते हैं, उन सभी पर महाकाल का आशीर्वाद बना रहे। मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी परिवार के साथ पूजा-अर्चना की। देवड़ा ने कहा कि बाबा महाकाल से यही प्रार्थना है कि हमारा देश प्रगति करे और सभी लोग खुश रहें।
डिप्टी सीएम ने कहा-बाबा जगत पर अपनी अनन्य भक्ति बनाए रखें
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा के बेटे की शादी की सालगिरह है। खुशी के इस अवसर पर जगदीश देवड़ा परिवार के साथ बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे। सुबह होने वाली भस्म आरती में सम्मिलित हुए। बाबा महाकाल के गर्भग्राम में जाकर जगदीश और उनके परिवार वालों ने पूजा अर्चना की। जगदीश ने अपने एक्स पर लिखा है कि आज सौभाग्य से बाबा महाकाल की भस्मारती में सपरिवार दर्शन पूजन का सुअवसर प्राप्त हुआ। बाबा महाकाल से प्रदेश वासियों के सुख, समृद्धि और निरंतर उन्नति की प्रार्थना की। बाबा महाकालेश्वर इस जगत पर अपनी अनन्य भक्ति बनाए रखें, यही प्रार्थना है।
मैं अच्छी एक्टर के साथ मां और अच्छी बहू बनना चाहती हूं
बता दें कि बुधवार को भारती सिंह डांस दीवाने के ऑडिशन के लिए इंदौर पहुंची थीं। शाम को सोसायटी में भारती ने परफॉर्म भी किया। इंदौर में भारती ने कहा कि पहले सिर्फ टीवी मेरी लाइफ थी और शादी के बाद बीवी का किरदार भी अच्छे से निभाया। बेटे (गोला) की मां बनते ही मेरी लाइफ में चैलेंजेस बढ़ गए। मैं अच्छी बीवी, अच्छी एक्टर के साथ अच्छी मां और अच्छी बहू भी बनना चाहती हूं। मैंने अपने बेटे को बिलकुल गांव-खेड़े का बच्चा बनाया है। कभी वह मिट्टी में खेलता है तो कभी कुत्ते की पूंछ खींच देता है।
त्रिपुंड अर्पित कर बाबा महाकल का राजा स्वरूप श्रृंगार किया
बता दें कि महाकालेश्वर मंदिर के गुरुवार तड़के 4 बजे कपाट खोले गए। भगवान महाकाल को जल से स्नान कराया गया। पंडे-पुजारियों ने दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा का अभिषेक पूजन किया। मस्तक पर रजत चंद्र के साथ त्रिनेत्र और त्रिपुंड अर्पित कर राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया। चंदन का तिलक, शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी माला अर्पित की गई। फल और मिष्ठान का भोग लगाया। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।