Father's Day 2024 : किसी भी परिवार में पिता अपने बच्चों की सुरक्षा करते हुए हर पल उनके साथ चट्टान की तरह खड़ा होता है। पिता शब्द का महत्व क्या होता है, इसे शब्दों में तो पिरोया जा सकता है, लेकिन एक पिता किस तरह अपने परिवार का पालन पोषण विपरीत परिस्थितियों में भी बेहतर ढंग से कर लेता है। इसका अंदाजा शायद परिवार के अन्य सदस्यों को कभी महसूस भी नहीं हो पाता है।
16 जून को फादर्स-डे के मौके पर मध्य प्रदेश से कुछ युवाओं ने अपने पिता के संषर्घों को याद करते हुए उन्हें नमन किया है। इस विशेष अवसर पर हरिभूमि ने कुछ ऐसे ही पिताओं को भी तलाशा जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में अपनी संतान का पालन पोषण किया और आज उसी संतान ने अपने पिता का नाम दुनिया जहान में रोशन किया
आईएएस बने कुलदीप के पिता के सपने
यूपीएससी 21:23 में 18वीं रैंक प्राप्त करने वाले छतरपुर जिले के राजौरा गांव के किसान पुत्र कुलदीप पटेल हैं। उनके पिता ने बड़ी तंगी में अपने बेटे की पालन किया। लेकिन इस गुदड़ी के लाल ने अपने पिता का नाम न केवल जिले में बल्कि पूरे देश में रोशन किया। कुलदीप कहते हैं, मेरे पिता ने कई कष्ट सहकर मुझे पाला, मेरी शिक्षा का प्रबंध किया। उन्होंने बताया कि हम मिट्टी के बने खपरैल के मकान में रहते थे, जिसमें बस गुजर बसर ही हो पाता था. लेकिन मेरे पिता ने कही कोई कसर नहीं छोड़ी। मेरी कक्षा 9वीं तक की शिक्षा इंग्लिश मीडियम से इंडियन पब्लिक स्कूल में प्राप्त की।
पटेल ने बताया कि इसके बाद 9वीं से 12वीं तक की शिक्षा छतरपुर के कॉन्वेंट स्कूल से ली, फिर दिल्ली विवि के हंसराज कॉलेज से दर्शन और राजत्रत शास्त्र में स्नातक किया और यूपीएससी के लिए कोचिंग ली। कुलदीप ने बताया कि मुझे लगता था कि मेरे पिता पर बहुत बर्डन है, लेकिन पिता ने कहा-तुम बस अपना कर्म करो और किसी भी तरह की चिंता मत करो। कुलदीप के सफल होने को लेकर उन्होंने एक पिता के तौर पर पूरी ताकत झोंक दी। कुलदीप ने कहा कि अपने पिता के सपने को पूरा करने में, जो शायद सपना मेरा था लेकिन मेरे पिता ने उसे पूरा करने में स्वयं के जीवन की सम्पूर्ण पूंजी लगा दी।
सीमेंट दुकान पर काम करने वाले पिता की बेटी सफल
एनपीपीएससी 2019 में सफलता पाकर एक्साइज सब इंस्पेक्टर नेहा प्रजापति ने बताया कि मेरे पिता संतोष प्रजापति ने बहुत गरीबी में उनका पालन- पोषण किया। नेहा ने बताया कि उनके पिता सीमेंट की दुकान पर काम करते थे। इससे पहले पिता ने कोरियर का काम भी किया है। उनके भाई-बहन स्कॉलरशिप व सरकारी स्कूलों से पढ़ाई
करके यहां तक पहुंचे। नेहा ने कहा कि सभी भाई बहन गुल्लक बनाने के काम भी किया करते थे। उन्होंने कहा कि हमारे घर में बेल पती का पेड़ है, जो शंकर भगवान को चढ़ता है तो हम उसे भी बेचते थे।
फादर्स-डे पर पिता को कराउंगी शॉपिंग
एलएनसीटी में बी-टेक की स्टूडेंट व अंग्रेजी में किताबें लिखने वाली पाहुनी चौधरी ने बताया कि वह फादर्स डे पर हमेशा अपने पिता को कुछ-कुछ गिफ्ट देती है। इस बार तो अपने पिता को ब्रांडेड घड़ी उन्हें तोहफे में देने वाली है और उनको साथ ही शॉपिग कराने वाली है। पाहुनी ने बताया कि इस दिन के मौके पर वह शॉपिंग में कपड़े, घड़ी और जूते सहित अन्य चीजें वह अपने पिता को गिफ्ट करेंगी। उन्होंने बताया कि पिता को घुमाने ले जाने और शॉपिंग कराने में उनके चेहरे पर आने वाली मुस्कान उन्हें दिल से खुशी का एहसास दिलाती है।
बाइक, गोल्ड और ब्रांडेड घड़ी देकर विश
हर बच्चे का सुपरमैन उसका पिता ही होता है, बच्चे अपने पिता को प्यार तो करते हैं, लेकिन इस प्यार को जता पाना बहुत कठिन होता है। इस एहसास को राजधानी के कुछ लोगों ने फादर्स डे पर अपने पिता को गिफ्ट देकर बयां किया। इस मौके पर फादर्स को गिफ्ट देने वाले शहरवासियों से हरिभूमि ने की खास बातचीत की
3 लाख से अधिक रुपए की बाइक
भोपाल शहर के एक व्यापारी हर्ष कुमार ने फादर्स डे पर अपने पिता को गिफ्ट में रॉयल एनफील्ड की इंटरसेप्टर 650 सीसी करीब लाख रुपए से अधिक की बाइक गिफ्ट की है। उन्होंने बताया कि पिता तो हमेशा ही बेटों को बाइक गिफ्ट करते है, लेकिन पिता को भी बेटों द्वारा गाडियां गिफ्ट करना चाहिए।
पॉकेट मनी जोड़कर सोने की चैन
बीयू के योग विभाग की स्टूडेंट अरिमा जैन ने अपनी पॉकेट मनी को जोड़ कर अपने पिता को सोने की चैन खरीदी हैं। वह अपने हाथों से पिता को सोने की चैन को पहनने वाली हैं। इस मौके पर उन्होंने एक कार्ड भी तैयार किया है जिसपर लिखा है हैप्पी फादर्स डे आई लव यू पाया।
शीट और कैनवास पर उकेरी तस्वीर
अपनी कला से अपने पिता की तस्वीर को सीट और कैनवास पर उकेरकर शहर के चित्रकारों ने अपने पिता को फादर्स के मौके पर पिता को पेंटिंग गिफ्ट करेंगे। इस खास मौके पर हरिभूमि में शहर के चित्रकारों से बातचीत की।
तस्वीर बनाकर गिफ्ट
शहर के चित्रकार नीतेश पंसेलिया ने बताया कि वे फादर्स डे पर अपने पिता की पेंटिग बना रहे हैं। उन्होंने बहुत ही लगन से अपने पिता की पेंटिंग को बनाया है। नीतेश ने बताया कि मुझे अपने जीवन की सबसे अच्छी पेंटिंग यही लगती है कि मैं अपनी कला से अपने पिता की पेंटिंग को शीट पर उकेर पाया हूं। उन्होंने कहा कि जब उनके पिता इसकी तारीफ करेंगे तो वह समझेंगे कि उनकी कला सफल हो गई।
स्कैच से पिता की तस्वीर शीट पर उकेरी
राजधानी के चित्रकार यश सिंह ने बताया कि वह फादर्स डे पर अपने पिता को उनकी स्केच बनाकर गिफ्ट कर रहे हैं। यश ने कहा कि यह सबसे यादगार पल है कि मैं उनका स्केच बना रहा हूं। यश ने कहा कि यह पल उनके लिए बहुत खास और सपराइज वाला है, क्योंकि पहली बार उन्होंने अपने पिता के लिए स्कैच तैयार किया है।
पिता को मैकेनिक के काम से रिलैक्स देने की तमन्ना
एमपीपीएससी 2021 में सफल होकर सब रजिस्ट्रार के लिए सिलेक्ट होने वाली मुस्कान सोनी ने बताया कि उनके पिता मोहन सोनी एक मैकेनिक हैं। काम के दौरान उनके पिता के हाथ की एक अंगुली तीन साल पहले कट गई थी। मुसकान ने बताया कि मेरे रिजल्ट आने से एक हफ्ते पहले भी उनके हाथ से खून आने लगा था। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने कभी भी उनकी पढ़ाई में कमी नहीं आने दी।
मुस्कान ने कहा कि मैं मैनिट से बी-टेक की छात्रा रही हूं व मप्र वोर्ड में और 12वीं में मेरिट लिस्ट में पास हुई थी। जब वह भिलाई गई और दीदी के पास रहीं तो यहां पर उन्हें सिविल परीक्षा की तैयारी के लिए कहा गया। मुस्कान ने कहा कि उनके पिता ने भी इसके लिए प्रेरित किया और कहा तुम जो करना चाहती, उसकी तैयारी करो। मुस्कान ने बताया कि वह सफल होने के बाद अब अपने पिता को मैकेनिक के काम से इसलिए रिलेक्स करवाना चाहती है, क्योंकि इस काम में बहुत रिस्क होता है।