Jivaji University Fire Incident: ग्वलियर में जीवाजी यूनिवर्सिटी में एयर कंडीशनर (AC) ब्लास्ट होने से भीषण आग लग गई। गनीमत रही कि माइक्रो टेक्नॉलॉजी विभाग की लैब में हुई इस घटना के समय कोई था नहीं। हालांकि, बगल के कमरे में परीक्षा चल रही थी, जहां धुआं भर जाने से भगदड़ की स्थिति बन गई। कर्मचारी ने कांच तोड़कर छात्रों को बाहर निकाला, जिससे उसके हाथ में चोट आई है।
जीवाजी विवि के परीक्षा भवन में संचालित माइक्रो बायोलॉजी और माइक्रो टेक्नॉलॉजी विभाग की लैब में आगजनी की घटना मंगलवार सुबह 10:45 बजे हुई है। स्टूडेंट बगल के कमरे में मौजूद थे। अचानक हुए तेज धमाके से वह घबरा गए। वह कुछ समझ पाते तब तक पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया। अग्नि बुझाने के उपकरणों से आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। आग पूरे हिस्से को चपेट में ले लिया था।
कर्मचारी घायल, पहुंचाया अस्पताल
कर्मचारी निरंजन माहौर अग्नि हादसे के वक्त डिपार्टमेंट में थे। बताया कि चारो ओर धुआं भर जाने से दम घुटने लगा तो मैंने कांच तोड़ दिया। ताकि थोड़ी राहत मिल सके, लेकिन हाथ में चोंट लग गई। कांच टूटने से धुआं कम हुआ तो स्टूडेंट और कर्मचारी बाहर निकले। तब तक विवि के अधिकारी व फायर ब्रिगेड भी पहुंच गई। मुझे हॉस्पिटल भेजा गया।
कोई केजुअलिटी नहीं हुई: रजिस्ट्रार
रजिस्ट्रार डॉ अरुण चौहान सूचना मिलते ही विवि पहुंच गए। बताया कि घटना के बाद इंजीनियर, नगर निगम की गाड़ी भी आ गईं। विवि में उपलब्ध इक्विपमेंट से कर्मचारियों व छात्रों ने भी आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन आग बहुत भीषण थी। राहत की बात यह कि कोई केजुअलिटी नहीं हुई।
एसी के कम्प्रेशर फटने की आशंका
नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर मुनीष सिकरवार ने एसी के कम्प्रेशर फटने की आशंका जताई है। बताया, आग बहुत बिकराल थी, फायर टीम ने एक घण्टे मशक्कत कर काबू पाया है और सभी को सुरक्षित निकाला।
आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं
फायर ऑफिसर ने कहा, यूनिवर्सिटी में आग बुझाने के इंतजाम नजर नहीं आए। एकाद जगह बाल्टी में रेत रखी थी, लेकिन सिलेंडर महीने भर पहले ही एक्सपायर हो चुके हैं। विवि प्रशासन ने इन्हें चेंज नहीं कराया। अन्य जरूरी फायर सिक्योरिटी फीचर्स भी नजर नहीं आए।
एक करोड़ से अधिक का नुकसान
न्यूरोसाइंस के एचओडी ने बताया कि घटना के वक्त एमएससी के स्टूडेंट बगल वाली लैब में मौजूद थे। आग लगने की सूचना तत्काल फायर ब्रिगेड को दी गई। लैब में अत्यधिक धुंआ भर जने से स्टाफ ने कांच तोड़ने का प्रयास किया, जिसमें उनके हाथ में चोट आई है। कोई जनहानि नहीं है, लेकिन लगभग एक करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। मशीनें जल गई हैं।