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First Craft Handloom Tourism Village Pranpur: मप्र टूरिज्म बोर्ड की पहल पर केंद्र और राज्य सरकार ने 7.45 करोड़ की लागत से प्राणपुर-चन्‍देरी में क्राफ्ट हैण्‍डलूम को संवारा

First Craft Handloom Tourism Village Pranpur: मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले का चंदेरी कस्बा रेशमी साड़ियों के लिए देशभर में ख्यात है। अब देश का पहला हैंडलूम टूरिज्म विलेज इसमें नए आयाम के रूप में जुड़ गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बुधवार को इस हैंडलूम टूरिज्म विलेज का शुभारंभ किया। सरकार ने  7 करोड़ 45 लाख की लागत से कई विकास कार्य कराए हैं। 

प्राणपुर में 450 से अधिक बुनकर परिवार
ग्वालियर से लगभग 207 किमी दूर स्थित चंदेरी की खूबसूरत रेशमी साड़ियां इसी प्राणपुर गांव में बुनी जाती हैं। यहां 450 से अधिक बुनकर परिवार रहते हैं। गांव की सदियों पुरानी वास्तुकला और दीवारों पर उकेरी गई रंग-बिरंगी फूलों की डिज़ाइन हर बाहरी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करती है। उज्जैन के डिजाइन छात्रों की टीम ने यहां की सुंदरता में चार चांद लगा दिए हैं। 

पॉवरलूम की बजाय पिटलूम से बनती हैं चंदेरी की साड़ियां 
चंदेरी की साड़ियां पॉवरलूम की बजाय पिटलूम से बनती हैं, जिसे यहां के जुलाहे ही तैयार करते हैं। बुनकरों की मानें तो एक साड़ी तैयार करने में तीन-चार दिन लग जाते हैं। प्राणपुर में साड़ी निर्माण का इतिहास 200 साल पुराना है, लेकिन आधुनिक टेक्नॉलॉजी और डिजाइन से अनजान जुलाहे हैंडलूम इंडस्ट्री को अपडेट नहीं कर पाए, जिस कारण उनका कारोबार सीमित हो गया। युवा पीढ़ी बुनाई में कुशल हैं। लेकिन मार्केट की समझ न होने से सरकार ने आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ली है।  

नक्काशी और टेराकोटा बनाने में पारंगत हैं प्राणपुर के लोग 
प्राणपुर में हैंडलूम और हस्तशिल्प के अलावा भी बहुत कुछ है। यहां के लोग पत्थर की नक्काशी और टेराकोटा बनाने में भी पारंगत हैं। किलों और संग्रहालयों से परे प्राणपुर की धातु शिल्प, काष्ठ कला और पत्थर पर नक्काशी काफी प्रचलित है। राज्य सरकार ने इन्हीं कलाओं को नया स्वरूप देने का प्रयास किया है। जिसके बाद प्राणपुर में पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।

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