Baba Mahakal Ujjain: सावन के पहले सोमवार पर एमपी के शिव मंदिरों में लाखों श्रद्धालु दर्शन को उमड़े। उज्जैन में बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए रविवार रात 2.30 बजे ही पट खोल दिए गए। 17 हजार भक्तों ने भस्म आरती में दर्शन किए। दोपहर 3 बजे तक 2.15 लाख से अधिक श्रद्धालु महाकाल के दर्शन कर चुके हैं। बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी निकल रही है। महाकाल ने श्रद्धालुओं को मनमहेश स्वरूप में दर्शन दिए हैं। इधर, रायसेन के भोजपुर मंदिर में भगवान का 3 क्विंटल गुलाब, बिल्व पत्र, धतुरा और आम के पत्तों से श्रृंगार किया गया।
पारंपरिक वेशभूषा में कलाकार नाचते-गाते रहे
महाकाल की पहली सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी शामिल हुआ है। पारंपरिक वेशभूषा में कलाकार नाचते-गाते हुए देखे जा रहे हैं। महाकाल की सवारी के स्वागत के लिए रंगोली बनाई गई। सवारी के लिए पुलिस बल भी तैनात किया है। सवारी में शामिल होने आए श्रद्धालु एक झलक पाने को आतुर दिखाई दिए। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने महाकाल के दर्शन किए और पालकी पूजन किया।
क्या है मान्यता
मान्यता है कि वर्षा काल में सृष्टि का संचालन करने वाले सभी देवता शयन काल में चले जाते हैं। बाबा महाकाल सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में सावन मास में महाकाल प्रजा का हाल जानने निकलते हैं। सोमवार को बाबा महाकाल की पहली सवारी निकली। ओंकारेश्वर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ का विशेष श्रृंगार किया गया। सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में शिव अभिषेक हुआ। आगर मालवा स्थित बाबा बैजनाथ का अर्धनारीश्वर स्वरूप में श्रृंगार किया गया।
महाकाल की कृपा सभी पर बनी रहे
सीएम मोहन यादव ने लोगों से अपील की है कि बाबा महाकाल की सवारी का पूरे उत्साह, उमंग के साथ स्वागत करें और भागीदार बनें। सीएम ने कहा कि सावन का महीना और सोमवार का दिन... इस दिन महाकाल महाराज अपने धाम से नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। मां क्षिप्रा के किनारे से लेकर धूमधाम से जब पूरे नगर में सवारी निकलती है तो सवारी का उत्साह-उमंग देखते बनता है। सीएम ने कहा कि बाबा महाकाल की कृपा सभी पर बनी रहे।