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मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केरल पहुंचे हैं। केरल पहुंचकर उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य की जन्मस्थली कालड़ी का भ्रमण कर दर्शन किए। इसके अलावा मंदिर प्रांगण में पौधारोपण भी किया। इसकी जानकारी सोशल मीडिया के प्लेटफार्म (X) पर साझा की है।

MP News: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केरल पहुंचे हैं। केरल पहुंचकर उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य की जन्मस्थली कालड़ी का भ्रमण कर दर्शन किए। इसके अलावा मंदिर प्रांगण में पौधारोपण भी किया। इसकी जानकारी सोशल मीडिया के प्लेटफार्म (X) पर साझा की है।

शिवराज सिंह ने कहा
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि, आज आदि गुरु शंकराचार्य जी की जन्मभूमि पर आया हूं। यहीं उनका जन्म हुआ था और यहीं से वह गुरु की खोज में पदयात्रा करते हुए ओंकारेश्वर की तरफ निकले थे। ओंकारेश्वर में ही उनको गुरु मिले थे और वहीं से उन्होंने सन्यास लेकर भारत भ्रमण शुरू किया था। आदि गुरु शंकराचार्य जी के कारण ही भारत सांस्कृतिक रूप से एक है।

भारत को जोड़ने का किया काम
पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि आदि गुरु ने पूरे भारत को जोड़ने का काम किया। ओंकारेश्वर में जहां आदि गुरु जी को उनके गुरु मिले वहां उनका भव्य स्टेच्यू ऑफ वननैस बन गया है। ओंकारेश्वर में एकात्म धाम का भी निर्माण हो रहा है।

आदि गुरु शंकराचार्य मध्यप्रदेश से गहरा नाता
पूर्व सीएम ने कहा कि मैं आचार्य शंकर की ज्ञानभूमि और गुरुभूमि मध्यप्रदेश से उनकी जन्मभूमि कालड़ी आया हूं। यहां की दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा आत्मा को और उज्ज्वल कर रही है। मध्यप्रदेश से आचार्य शंकर का गहरा नाता रहा है। यहां उन्हें गुरु मिले, नर्मदा किनारे कई स्त्रोतों की उन्होंने रचना की और यहीं से उन्होंने विश्व को एकात्मता का संदेश देने के लिए अपनी दिग्विजय यात्रा प्रारंभ की। यंही से संदेश जाता है, संघर्ष नहीं समन्वय, घृणा नहीं प्रेम, शांति सारे भेदभाव मिट जाएं। मैंने वह काम प्रारंभ किया था, लेकिन श्री मोहन यादव जी की टीम उसे काम को आगे बढ़ाएगी और दुनिया को संदेश देगी।

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