भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का काफिला अचानक स्कूली बच्चों और शिक्षकों ने रोक लिया। गाड़ी से उतरने के बाद शिवराज ने महिला शिक्षक को अपने सीने से लगाया। इसके बाद बच्चे शिवराज को अपने स्कूल ले गए। स्कूल के अंदर बच्चों ने 'मामा, मामा' के नारे लगाए। बच्चों के उत्साह से पूरा स्कूल गूंज उठा। इतना ही नहीं शिवराज ने स्कूल में मां सरस्वती का पूजन किया। बच्चों को गायत्री मंत्र सिखाकर उसका अर्थ समझाया। बच्चों को जल्दी उठने, पढ़ने और आगे बढ़ने की शिक्षा दी। शिवराज जाने लगे तो बच्चों ने रोका। बच्चों को फ्लाइंग किस देकर शिवराज सिंह वहां से चले गए।
शिवराज ने बच्चों से कहा-मोबाइल से नहीं, मैदान में खेलना
दरअसल, कटारा हिल्स में पौधरोपण के कार्यक्रम में शामिल होकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने निवास लौट रहे थे। तभी अचानक भारती विद्यापीठ के बच्चों और शिक्षकों ने सड़क पर आकर शिवराज सिंह का काफिला रोक लिया। बच्चे शिवराज से मां सरस्वती पूजन में शामिल होने की जिद करने लगे। इसके बाद शिवराज सिंह बच्चों के साथ स्कूल गए।
स्कूल में शिवराज ने माइक हाथ में लिया और कहा कि मेरे प्यार भांजे और भांजियों की जय। मोबाइल में खेलते हो या मैदान में खेलते हो। मोबाइल में खेलना, खेलना नहीं होता है, मैदान में खेलने और दौड़ने से शरीर स्वस्थ बनता है। शिवराज ने आगे कहा कि मेरे बेटा, बेटियों अच्छे से पढ़ो और आगे बढ़ो। इसके बाद शिवराज ने गायत्री मंत्र का उच्चारण किया। साथ-साथ बच्चों ने भी गायत्री मंत्र बोला। इसके बाद शिवराज ने बच्चों को गायत्री मंत्र का अर्थ समझाया। फिर वहां से विदा हुए।
आज का दिन भी पावन था और अनुभव भी अद्भुत हुआ।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 14, 2024
पौधरोपण के कार्यक्रम से वापिस निवास लौट रहा था कि तभी कटारा हिल्स स्थित संस्कार भारती विद्यापीठ संस्थान के बच्चों तथा शिक्षकों ने रास्ता रोक लिया और संस्थान चलने का आग्रह किया। इस प्रेम से भरे आग्रह को मैं कैसे टालता!
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शिवराज की पोस्ट: मां सरस्वती इन बच्चों के स्वर्णिम सपनों को साकार करें
पूर्व सीएम शिवराज ने एक्स पर बच्चों के साथ हुई मुलाकात का वीडियो पोस्ट किया है। शिवराज ने एक्स पर लिखा है कि पौधरोपण के कार्यक्रम से वापस निवास लौट रहा था कि तभी कटारा हिल्स स्थित संस्कार भारती विद्यापीठ संस्थान के बच्चों और शिक्षकों ने रास्ता रोक लिया और संस्थान चलने का आग्रह किया। इस प्रेम से भरे आग्रह को मैं कैसे टालता। बच्चों से बातचीत हुई, उनसे अपने कुछ अनुभव साझा किए, कुछ इन छोटे उस्तादों से सीखा और देखिए मैं भी बचपन से गायत्री मंत्र का पाठ करता था, मेरे ये बेटा-बेटी भी गायत्री मंत्र को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं। बच्चों का अद्भुत प्रेम पाकर हृदय भाव विभोर हो गया। मां सरस्वती इन बच्चों के स्वर्णिम स्वप्नों को साकार करें।