भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विकेट लगातार गिर रहे हैं। सोमवार को कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा। पन्ना के गुनौर से पूर्व कांग्रेस विधायक शिवदयाल बागरी और खुरई के पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अलीराजपुर जिले में 6 बार सरपंच और 3 बार जनपद सदस्य रहे भील नेता कमरू भाई ने भाजपा जॉइन कर ली। चर्चा है कि पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे और भाजपा से तीन बार विधायक रहे दीपक जोशी भी भाजपा जॉइन कर सकते हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, नरोत्तम मिश्रा, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, नागर सिंह चौहान ने सभी कांग्रेस के नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई।
आप भी गोपाल और मैं भी गोपाल हूं
अरुणोदय और शिवदयाल के पार्टी में शामिल होने पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि अरुणोदय चौबे सशक्त और ताकतवर नेता के रूप में जाने जाते हैं और शिवदयाल बागरी अनुसूचित जाति के बड़े नेता हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि अरुणोदय जी के साथ आज नया अरुणोदय हुआ है। सागर की हमारी प्रत्याशी लता वानखेड़े जी आपकी प्रचंड जीत होगी। अलीराजपुर के कमरू भाई गोशाला चलाते हैं, आप भी गोपाल और मैं भी गोपाल हूं।
एक दिन पहले: अरुणोदय चौबे का चुनाव लड़ने से इनकार
बता दें कि एक दिन पहले रविवार को सागर जिले के खुरई से पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अरुणोदय चौबे ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। अरुणोदय को सागर लोकसभा सीट से कांग्रेस का दावेदार बताया जा रहा था। अरुणोदय ने फेसबुक पर लिखा है कि व्यक्तिगत कारणों से सागर लोकसभा सीट से अपना नाम वापस ले रहा हूं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को अवगत करा दिया है। मेरे नाम पर विचार नहीं किया जाए।
टिकट कटने से नाराज चल रहे शिवदयाल
शिवदयाल बागरी कांग्रेस के टिकट पर 2018 में पन्ना जिले की गुनौर से विधायक बने थे। 2023 में कांग्रेस ने उनका टिकट काटकर जीवन लाल सिद्धार्थ को दे दिया था। टिकट कटने के बाद से ही शिवदयाल नाराज चल रहे थे। बता दें कि गुनौर सीट से सपा की विधानसभा प्रत्याशी रहीं अमिता बागरी ने भी तीन दिन पहले बीजेपी में घर वापसी की है।
कांग्रेस से 2022 में दिया था इस्तीफा, 2023 में फिर वापसी, अब फिर भाजपा में गए
बता दें कि अरुणोदय चौबे को पूर्व सीएम कमलनाथ का करीबी माना जाता था। अक्टूबर 2022 में अरुणोदय ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने की वजह यह थी कि खुरई में भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़ गए थे। दोनों के बीच झड़प हुई थी। मामले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और अरुणोदय चौबे पर केस दर्ज हुए थे। उस समय उनको पार्टी का साथ नहीं मिला था। इस बात का जिक्र करते हुए अरुणोदय ने कांग्रेस के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद विधानसभा चुनाव 2023 में पूर्व विधायक और बुंदेलखड़ के दिग्गज नेता अरुणोदय चौबे की कांग्रेस में वापसी हुई थी। अब लोकसभा चुनाव से पहले आज अरुणोदय चौबे भाजपा में शामिल हो गए।