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मध्यप्रदेश की सियासत से जुड़ी सबसे बड़ी खबर। मैहर के पूर्व विधायक और 'विंध्य जनता पार्टी' के संस्थापक नारायण त्रिपाठी सतना सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। हरिभूमि से खास बातचीत में नारायण त्रिपाठी ने कहा कि राजनीति में हूं तो कुछ बड़ा ही करूंगा।

भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में बड़ी हलचल मच गई है। मैहर के पूर्व विधायक और 'विंध्य जनता पार्टी' के संस्थापक नारायण त्रिपाठी लोकसभा के रण में ताल ठोकेंगे। सतना सीट से नारायण चुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा के गणेश सिंह और कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा को मात देने की तैयारी में जुटे दिग्गज नेता नारायण त्रिपाठी ने हरिभूमि से खास बातचीत में कहा कि वे सतना सीट से चुनाव लड़ेंगे। नारायण ने यह भी कहा कि सतना के अलावा 'विंध्य जनता पार्टी' (VJP) MP की कई लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। नारायण ने कहा कि हमने लोकसभा के रण की पूरी तैयारी कर ली है। जल्द ही उम्मीदवारों का ऐलान किया जाएगा। नारायण ने कहा कि राजनीति में हूं तो कुछ बड़ा ही करूंगा। 

मैहर पहुंचने के बाद बनाऊंगा रणनीति 
नारायण ने कहा कि वे अभी दिल्ली में हैं। एक दो दिन में मैहर पहुंच जाएंगे। मैहर पहुंचने के बाद पार्टी के लोगों के साथ बैठक करके लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति बनाएंगे। नारायण ने कहा कि सतना से तो बेहतर ढंग से चुनाव लड़ूंगा। बाकी कितनी सीटों पर प्रत्याशियों को उतारेंगे यह पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद ही फैसला करेंगे। 

विधानसभा में मिली हार का बदला लोकसभा में लेंगे 
नारायण ने विधानसभा चुनाव में मिली हार का कारण भी बताया। पूर्व विधायक ने कहा कि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में उनके पास समय बहुत कम था। प्रचार-प्रसार भी नहीं कर पाए। लोगों के बीच नहीं पहुंच पाए। इसके अलावा चुनाव आयोग ने उनकी  'विंध्य जनता पार्टी' के पोर्टल को ब्लॉक कर दिया था। इसके कारण भी परेशानी हुई। कुछ षड्यंत्रकारी लोगों के कारण भी विधानसभा में उन्हें हार मिली। नारायण ने कहा कि विधानसभा में मिली हार का बदला वे लोकसभा में लेंगे। सतना सीट जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।

इस बार नारायण खुद मैदान में हैं 
नारायण ने भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों पर हमला बोलते हुए कहा कि सतना की जनता न सिद्धार्थ कुशवाहा को पसंद करती है, न गणेश सिंह को। लोगों की मजबूरी है कि गणेश को हराना है तो सिद्धार्थ को अपनाना ही पड़ेगा। 2023 के विधानसभा में भी ऐसा ही हुआ। गणेश को मिलकर हरवाया गया। इसलिए सिद्धार्थ को जीत मिली। 2018 के विधानसभा चुनाव में शंकरलाल तिवारी को हरवाया गया। तब सिद्धार्थ कुशवाहा चुनाव जीत पाए। नारायण ने कहा कि लोकसभा के रण में सिद्धार्थ और गणेश नहीं, बल्कि नारायण त्रिपाठी खुद मैदान आ रहे हैं। जनता भी सतना लोकसभा सीट पर बदलाव चाहती है।

जानें नारायण का राजनीतिक सफर 
नारायण त्रिपाठी ने राजनीतिक सफर 2003 में समाजवादी पार्टी के साथ शुरू किया था। पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट से विधायक बने। इसके बाद नारायण ने  2013 में कांग्रेस का 'हाथ' थामा और दूसरी बार विधायकी जीती। 2016 में हुए उपचुनाव में त्रिपाठी ने बीजेपी जॉइन कर ली और उपचुनाव जीत गए। 2018 के विधानसभा चुनाव में दोबारा बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे। बीजेपी ने 2023 विधानसभा चुनाव में मैहर से श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दे दिया और फिर नारायण त्रिपाठी ने पार्टी छोड़कर खुद की पार्टी बनाकर विधानसभा की 25 सीटों पर उम्मीदवारी की थी। 2023 के विधानसभा में नारायण को हार का सामना करना पड़ा था। 

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