इरादों के 'अटल': पूर्व PM वाजपेयी ने दुनिया के नक्शे में बढ़ाई थी भारत की ताकत, UNO में हिंदी को दिलाया गौरव

भोपाल। भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजस्थान के पोखरण में दूसरा परमाणु परीक्षण कर दुनियाभर में भारत की ताकत का अहसास कराया था। सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी इरादों के अटल थे। भारत की आजादी और राष्ट्र के नवनिर्माण में उनकी अहम भूमिका है।
सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने 1998 में परमाणु शक्ति संपन्न देशों से बिना डरे, राजस्थान के पोखरण में दूसरा परमाणु परीक्षण कर सबको चौंका दिया था। इस परमाणु परीक्षण की किसी को भनक तक नहीं लग पाई थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए भी हैरान रह गई थी। नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे। वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र संघ में राजभाषा हिन्दी में भाषण देने वाले भारत के पहले विदेशमंत्री थे, उन्होंने ऐसा कर दुनियाभर में न सिर्फ हिंदी, बल्कि हर भारतवासी को भी गौरान्वित किया था।
1951 में छोड़ दी थी पत्रकारिता
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया। वह राजनीति विज्ञान और विधि (कानून) के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी।
11 बार चुने गए सांसद, 1980 में बनाई पार्टी
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह 9 बार लोकसभा सांसद और 2 बार राज्यसभा के लिए चुने गए जो कि अपने आप में ही एक कीर्तिमान है। वाजपेयी 1980 में गठित भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे।
ग्वालियर में भव्य समारोह
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तर प्रदेश को अपनी कर्मभूमि बनाई थी। आज 25 दिसंबर को उनके जन्मदिन पर ग्वालियर के जीवाजी विवि में भव्य समारोह आयोजित किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित भाजपा के तमाम दिग्गज कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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