Students Returned MP from Kyrgyzstan: मध्यप्रदेश के लिए अच्छी खबर है। किर्गिस्तान में फंसे उज्जैन के चार छात्र लौट आए हैं। रवि सराठे, विवेक शर्मा, रोहित पांचाल, योगेश चौधरी 24 मई को उज्जैन लौटे हैं। MP लौटने के बाद छात्रों ने किर्गिस्तान में भारतीय छात्रों पर हुए हमले ही भयावह दास्तां सुनाई है। छात्रों ने बताया कि 9 दिन उन्हें क्वारंटाइन में गुजारने पड़े। हॉस्टल से बाहर झांकने तक की परमिशन नहीं थी। रूम की लाइट बंद रखनी पड़ती थी।

भारी सुरक्षा के बाद भी हमले का डर 
छात्रों ने बताया कि जिस हॉस्टल में हम लोग ठहरे थे, वहां 1500 भारतीय छात्र हैं। कॉलेज में भारी सुरक्षा के बावजूद हमले का डर रहता था। इसीलिए जल्द से जल्द घर लौटना चाहते थे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने हम लोगों से बात कर हिम्मत दी। परीक्षा के बाद वापसी के इंतजाम का कहा था, लेकिन हालात ज्यादा बिगड़े तो हमने निकलने का सोचा।

इतनी मुसीबत सहकर एमपी आए छात्र 
छात्रों ने कहा कि इंडिया के लिए फ्लाइट किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक से मिलना थी, लेकिन वहां माहौल सबसे ज्यादा खराब था। मुझे बिश्केक जाने से सभी ने साफ मना कर दिया। इसके बाद मैं बस से पास के देश कजाकिस्तान गया, वहां से अबू धाबी (यूएई), फिर इंडिया आया।

प्रधानमंत्री से लगाई थी गुहार 
बता दें कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किर्गिस्तान में फंसे मध्य प्रदेश के छात्रों से बात कर उन्हें जल्द ही सुरक्षित भारत लाने की बात कही थी। छात्रों के परिजनों ने भी मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई थी। सीएम से बातचीत करने के बाद छात्रों का हौसला जागा था। 

हरिभूमि ने जानी जमीनी हकीकत 
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में 13 मई को मिस्र और किर्गिज छात्रों के बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद स्थानीय किर्गिज छात्रों ने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेशी छात्रों को निशाने पर ले लिया। 13 मई को शुरू हुए विवाद ने 17 मई को विवाद का बड़ा रूप लिया था। भारत से कई स्टूडेंट्स मेडिकल की ‎पढ़ाई के लिए किर्गिस्तान में हैं।‎ इनकी हकीकत जानने के लिए हरिभूमि और आईएनएच मीडिया समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी किर्गिस्तान पहुंचे। वहां अध्ययरत छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश सहित देशभर के छात्र-छात्राओं से चर्चा की।