MP New Transfer Policy: मध्य प्रदेश में अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले को लेकर नई नीति तैयार की जा रही है। जिला स्तर पर होने वाले तबदालों में प्रभारी मंत्री की भूमिका अहम होगी। उनके अनुमोदन के बाद ही कर्मचारियों के तबादले संभव होंगे। 

मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने नई तबादला नीति का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। सीएमओ से अनुमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी के बाद नई तबादला नीति लागू की जाएगी। तब तक जरूरी तबादले सीएमओ के अनुमोदन पर ही हो सकेंगे। 

जिले के हर निर्णय में प्रभारी मंत्री अहम 
मध्य प्रदेश में प्रभारी मंत्रियों को एक बार फिर ताकतवर बनाने की तैयारी है। अधिकारियों कर्मचारियों की पदस्थापना से लेकर जिले में होने वाले हर महत्वपूर्ण बदलावों में प्रभारी मंत्री की भूमिका अहम होने वाली है।मानसून सत्र के बाद प्रभारी मंत्रियों के दायित्व भी तय कर दिए जाएंगे। 

सांसद-विधायक व मंत्री भी अहम 
जिला स्तर पर कर्मचारियों के तबादलों में प्रभारी मंत्री के साथ सासंद, मंत्री और विधायकों के साथ सत्तारूढ़ दल के नेताओं की भी अहम भूमिका होने वाली है। विभागीय स्तर पर तैयार सूची में उनकी शिफारिसों की झलक भी नजर आ सकती है। कर्मचारियों की तबादला सूची में अंतिम मुहर प्रभारी मंत्री लगाएंगे। 

MP में तबदाले से कब हटेगा बैन 
मध्य प्रदेश में हर साल 15 कई के आसपास कर्मचारियों के तबादले से बैन हटाया जाता था, लेकिन इस वर्ष लोकसभा चुनाव के चलते अब तक यह संभव नहीं हो पाया। उम्मीद है कि मानसून सत्र के बाद जुलाई या फिर अगस्त के प्रथम सप्ताह में नई पॉलिसी लाकर तबदले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मैदानी कर्मचारी से लेकर मंत्रालय तक बड़े स्तर पर अफसरों के तबादले होने हैं।