भोपाल। जब मुझे गदर-2 ऑफर हुई तो उस वक्त शायद मेरे पैरों तले जमीन निकल गई और इतना ज्यादा मुझे एक्साइटमेंट था कि मैं रात को 3 बजे तक सोई ही नहीं, क्योंकि जब गदर-1 रिलीज हुई थी, तब मैं बहुत छोटी थी और अपनी यूनिफॉर्म में ही वह मूवी देखने गई थी। शो हाउसफुल चल रहे थे और ब्लैक में टिकट लेकर मैंने वह फिल्म देखी और उसके बाद तो मैं सनी पाजी की फैन हो गई और सीडी प्लेयर पर इतनी बार गदर-1 देखी कि उसके एक-एक सीन, एक-एक डायलॉग मुझे याद हो गए।
यह कहना है गदर-2 से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली एक्ट्रेस भक्ति राठौड़ का। हरिभूमि से बातचीत में भक्ति ने अपनी एक्टिंग जर्नी के बारे में चर्चा की।
अनिल शर्मा को ऑडियंस की नब्ज मालूम
एक्ट्रेस भक्ति राठौड़ ने गदर-2 के निर्देशक अनिल शर्मा के बारे में कहा कि उनके साथ काम करने में मैंने क्लेयिरिटी और श्योरिटी के बारे में जाना और कमाल की बात है कि वह इतने बड़े मास्टर हैं कि उन्हें ऑडियंस की नब्ज पता है कि ऑडियंस को क्या पसंद है और क्या नापसंद।
ऑडियंस का मोहताज होता एक्टर
भक्ति ने कहा कि प्रत्येक एक्टर ऑडियंस का मोहताज होता है, जितना ऑडियंस आपको प्यार देगी आप उतने ही ज्यादा सक्सेसफुल हो जाएंगे।
एक्टिंग शायद मेरे DNA में
भक्ति राठौड़ ने कहा- यदि मैं एक्टिंग के क्षेत्र में गई हूं तो इसमें मेरी मां का ही योगदान है और मुझे लगता है कि एक्टिंग शायद मेरे डीएनए में ही है, जो मुझे मेरी मां से विरासत में मिली है।
जीवन में संघर्ष जारी
वहीं अपने संघर्षों के दिनों के बारे में उन्होंने कहा कि अभी तो संघर्ष मेरे जीवन में जारी है। अभी मैं खुद को एनालाइज कर सकूं। इतनी मेरी उम्र ही नहीं हुई है बस मुझे लगता है कि मैं एक के बाद एक अपने कदम आगे बढ़ा रही हूं और मुझे बहुत लंबा रास्ता तय करना है।