MP Goverment Employees: मध्य प्रदेश के पांच लाख अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुस्त राशि और पेंशन में डेढ़ गुना तक बढ़ोत्तरी हो सकती है। राज्य की मोहन यादव सरकार ने पेंशन फंड में हर माह जुड़ने वाले सरकारी अंशदान को बढ़ाकर 14 फीसदी करने का निर्णय लिया है। कर्मचारी इक्विटी सीमा और फंड मैनेजर भी बढ़ा सकेंगे। इसका सीधा फायदा रिटायर्डमेंट में उन कर्मचारी को मिलेगा, जो NPS के दायरे में आते हैं।
नई पेंशन स्कीम
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने 2005 के बाद और केंद्र ने 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना लेकर आई है। जिसमें निजी कंपनियों की तर्ज पर पेंशन फंड के लिए हर माह कर्मचारी और सरकार वेतन की 10-10 फीसदी राशि जमा करती है। उक्त रााशि को पीएफआरडीए के जरिए मार्केट में निवेश किया जाता है। रिटायरमेंट के समय मार्केट वैल्यू के हिसाब से कुछ राशि कर्मचारी को एकमुश्त और कुछ राशि हर महीने पेंशन के तौर पर दी जाती है।
सरकार कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम से खुश नहीं हैं। उनके विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने पेंशन अंशदान में अपना हिस्सा 10 से बढ़ाकर 14 फीसदी करने का निर्णय लिया है। साथ ही निवेश में इक्विटी फंड 15 से बढ़ाकर 25 से 50 फीसदी और फंड मैनेजर दो से तीन करने की छूट दी गई है। इससे रिटर्न बढ़ने की उम्मीद है। दावा किया जा रहा है कि सरकार के इस कदम से कर्मचारियों का पेंशन फंड 50 फीसदी तक ग्रोथ करेगा। यानी पेंशन राशि यदि 30 हजार है तो 45 हजार महीने मिलेगी।
कर्मचारी यह फंड मैनेजर चुन सकेंगे
- एलआईसी पेंशन फंड, एसबीआई पेंशन फंड, एचडीएफसी पेंशन मैनेजमेंट, यूटीआई फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फंड मैनेजर, टाटा पेंशन मैनेजमेंट, आदित्य बिड़ला सनलाइफ पेंशन मैनेजमेंट, मैक्स लाइफ पेंशन फंड मैनेजमेंट, डीएसपी पेंशन फंड मैनेजर व एक्सिस पेंशन फंड मैनेजमेंट
- विभागीय अफसरों ने दावा किया कि फंड मैनेजर चुनने और इक्विटी फंड में जमा राशि 25 प्रतिशत होने का निश्चित रूप से कर्मचारियों को लाभ होगा। पेंशन डेढ़ गुना तक हो सकेगी।