MP Health and Education : मध्य प्रदेश स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ अपोलो अस्पताल चेन्नई ने एमओयू (समझौता) साईन किया है। इस समझौते में प्रदेश में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के उपचार को लेकर सहमति बनाई गई है। जन्मजात ह्दय रोग से पीड़ित बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर मोहन सरकार भी चिंतित है।
अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई से समझौता
एमडी एनएचएम प्रियंका दास और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अपोलो हॉस्पिटल चेन्नई वी. नवीन ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए इस बीमारी से ग्रसित बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर बातचीत भी की है। आधुनिक तकनीकी के साथ जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का उपचार संभवत बेहतर तरीके से अब हो सकेगा।
ऑपरेटिंग प्रोसीजर और प्रोटोकॉल की जानकारियां
अपोलो अस्पताल चेन्नई की ओर से जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों की उपचार प्रक्रिया को सशक्त करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर और प्रोटोकॉल की जानकारियां साझा की जाएंगी। इसके साथ ही साथ क्षमता संवर्धन का कार्य किया जाएगा। उपचार प्रक्रिया तथा मामलों के उचित प्रबंधन के लिए डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ में क्षमता निर्माण और संवर्धन के कार्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) में शामिल हैं।
बीमारी और इसके लक्ष्ण
जन्मजात हृदय रोग मानव हृदय की संरचना से जुड़ी समस्या है। जिसे चिकत्सा क्षेत्र में सी.एच.डी. भी कहा जाता है, चिकित्सका विशेषज्ञों के अनुसार यह बच्चे के जन्म से ही मौजूद होती है। बच्चे को यह समस्या होने पर यह बच्चे के खून को सामान्य रूप से संचारित होने से अवरोध उत्पन्न करती है। इसके साथ ही रक्त वाहिकाओं से संबंधित समस्याएं होती हैं। कुछ मामलों में इसके कोई लक्षण नहीं दिखते, जिससे ख़तरा और भी बढ़ जाता है।