भोपाल (आशीष नामदेव)। हम लोग जिस क्षेत्र में रहते हैं, वह पूरा इलाका बुंदेली भाषा से जुड़ा क्षेत्र है। बुंदेलखंड के लोगों को दो सरकारों से जूझना पड़ता है, क्योंकि यह क्षेत्र दो राज्यों की सीमा पर बसा है। बुंदेलखंड में आज भी लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। महिलाएं गांव से 5 किमी की दूरी तय कर पानी भरने जाती हैं। यह कहना है गुलाबी गैंग की अध्यक्ष सुमन सिंह चौहान का। 

22 साल पहले में दिखने लगा परिणाम 
सुमन सिंह ने बताया कि समंत पाल के सहयोग से 22 साल पहले 2002 में गुलाबी गैंग बनाई थी। इसके परिणाम दिखने लगे हैं। गुलाबी गैंग ने महिला अधिकारों के लिए काफी लड़ाई लड़ी है। गुलाबी गैंग के संघर्ष के चलते हमारे गांव में पानी टंकी बन गई। सड़कों का निर्माण भी शुरू हो गया है। 

समंत पाल से छीनी कमान 
सुमन सिंह ने बताया कि गुलाबी गैंग पर फिल्म बनने के बाद समंत पाल का व्यवहार बदल गया है। सदस्यों के प्रति भी उनका बर्ताव सही नहीं था। यही कारण है कि संगठन की कमान मुझे अपने हाथों में लेनी पड़ी।  

शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी पर काम
सुमन सिंह ने बताया, गुलाबी गैंग में अभी एक लाख से अधिक सदस्य हैं। ज्यादातर जिलों में हमारी जिलाध्यक्ष हैं। शिक्षा, कम उम्र में लड़कियों की शादी रोकने का काम, स्वास्थ्य, पानी इत्यादि मुद्दे शामिल हैं। 

पृथक राज्य बनाए जाने की मांग 
गुलाबी गैंग की अध्यक्ष सुमन सिंह ने बुंदेलखंड को पृथक राज्य बनाने जाने की मांग करते हुए कहा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला बुंदेलखंड क्षेत्रफल में तो काफी बड़ा है, लेकिन विकास के मामले में यह काफी पिछड़ा हुआ है। छोटे मोटे काम के लिए लोगों को लखनऊ और भोपाल के चक्कर लगाने पड़ते हैं। गरीबों की बात कर नेता मंत्री-विधायक और सांसद बन जाते हैं, लेकिन पद मिलने के बाद एसी के कमरों से बाहर नहीं निकलते। 

नाबालिग की रुकवाई शादी
सुमन सिंह ने कहा, इस क्षेत्र में काफी नाबालिगों की शादी होती थी, मैंने स्वयं जा कर कई शादियां रुकवाई है। परिवारों को बताया कि इतनी कम उम्र में लड़कियों की शादी ठीक नहीं है। यहां की महिलाओं को 3 किमी दूर से पानी लाते हुए देखा है, जिसे देखना मुझे पसंद नहीं था, इसलिए हमने इन मुद्दों को उठाया।