भोपाल। गुना में डंपर-बस की टक्कर में 13 लोगों की मौत के मामले की जांच पूरी हो गई है। प्रभारी कलेक्टर प्रथम कौशिक ने रविवार को जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में लिखा है कि बस में आग लगने की वजह से सारे सबूत पूरी तरह से जलकर खाक हो गए हैं। बस में आग कैसी लगी इन कारणों का पता नहीं चल पाया। रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि बस कंडम थी। साथ ही सड़क पर चलने लायक नहीं थी। बस पूरी तरह से अनफिट थी। 11 शवों की पहचान के लिए डीएन रिपोर्ट का इंतजार है। 3 जनवरी तक रिपोर्ट मिलने की संभावना है। ग्वालियर की फॉरेंसिक लैब में डीएन जांच चल रही है। बता दें कि हादसे के बाद जांच शुरू हुई तो सिकरवार ट्रैवल्स की अब तक 11 बसें जब्त की जा चुकी हैं।
सिकरवार बस सर्विस के ऑफिस का ताला तोड़कर जब्त किए दस्तावेज
भाजपा नेता विश्वनाथ सिंह सिकरवार के परिजनों के नाम रजिस्टर्ड छह बसें पुलिस-प्रशासन की टीम जब्त कर चुकी है। पांच बसें और निकली, जिनके बारे में भी शिकायतें मिली थी। शनिवार को पुलिस-प्रशासन की टीम जज्जी बस स्टैंड के सामने स्थित सिकरवार बस सर्विस के कार्यालय पहुंची और वहां खड़ी दो बसों को जब्त किया। सिकरवार बस सर्विस की दो बसों को आरोन से जब्त किया। टीम ने पंचनामा बनाकर सिकरवार बस सर्विस के कार्यालय पर लगे ताले को तोड़ा, और वहां रखे दस्तावेज भी जब्त किए। अब तक सिकरवार बस सर्विस की 11 बसें जब्त हो चुकी हैं।
गंभीर मरीजों का भोपाल में चल रहा इलाज
पुलिस का कहना है कि दुर्घटना में घायल लोगों की हालत गंभीर को देखते हुए भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल भेजा गया है। सोनाली अहिरवार, विनीता ओझा, सरिता ओझा और सोनू अहिरवार का हमीदिया में इलाज चल रहा है।
हादसे के बाद सीएम ने तीन अफसरों को हटाया, दो को निलंबित किया था
27 दिसंबर को रात 8.30 बजे गुना-अरोन रोड पर बस-डंपर की भिड़ंत हुई थी। डंपर चालक सहित 13 लोगों की जलने से मौत हुई थी। 28 दिसंबर को सुबह 12.35 बजे मुख्यमंत्री मोहन यादव गुना पहुंचे। सीएम ने जिम्मेदार अधिकारियों से हादसा कैसे हुआ? किसकी लापरवाही है? इसका दोषी कौन है? सवाल किया। अफसर जवाब नहीं दे पाए।
कुछ देर बाद हादसे का दोषी मानते हुए मुख्यमंत्री ने आरटीओ रवि बरेलिया और नगर पालिका सीएमओ बीडी कतरोलिया को निलंबित कर दिया था। परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, कलेक्टर तरुण राठी और एसपी विजय कुमार खत्री को भी हटा दिया है।