Bhopal Guru Purnima Mahotsav: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पॉलिटेक्निक चौराहा स्थित मानस भवन में 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। यह कार्यक्रम स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के अनुग्रह से संचालित संस्था प्रभु प्रेमी संघ चैरिटेबिल ट्रस्ट भोपाल शाखा ने आयोजित किया है।
श्यामला हिल्स स्थित मानस भवन में गुरु पूर्णिमा का कार्यक्रम रविवार 21 जुलाई दोपहर 2 बजे सुंदरकांड से शुरू होगा। रात 8 बजे भंडारा व प्रसाद वितरण के साथ संपन्न होगा। प्रभु प्रेमी संघ चैरिटेबिल ट्रस्ट ने सभी अनुयाइयों से सपरिवार पहुंचने की अपील की है।
गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर होंगे यह अनुष्ठान
कार्यक्रम | समय |
सुंदरकांड | दोपहर 2 से 5 बजे तक |
भजन संध्या | शाम 5 से शाम 7.30 बजे तक |
महाआरती | शाम 7.30 बजे |
भंडारा व प्रसाद वितरण | शाम 8 बजे |
कौन हैं स्वामी अवधेशानंद गिरि ?
स्वामी अवधेशानंद गिरि जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर हैं। जूना अखाड़ा नागा साधुओं का बहुत पुराना और बड़ा समूह है। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने लगभग दस लाख नागा साधुओं को दीक्षा दी है। वह उनके पहले गुरु भी हैं। स्वामी अवधेशानंद एक हिंदू आध्यात्मिक गुरु, संत, लेखक और दार्शनिक हैं। हिंदू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष और वर्ल्ड काउंसिल ऑफ रिलीजियस लीडर्स के बोर्ड मेंबर हैं। उनका आश्रम कनखल, हरिद्वार में है।
स्वामी अवधेशानंद का प्रारंभिक जीवन
स्वामी अवधेशानंद गिरि का जन्म यूपी के बुलंदशहर में खुर्जा गांव निवासी खाण्डल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। स्वामी अवधेशानंद गिरि बाल्य काल में अपने पिछले जन्म के बारे में चर्चा किया करते थे। 17 साल की उम्र में घर परिवार छोड़कर संन्यास ले लिया और स्वामी अवधूत प्रकाश महाराज से वेदांत दर्शन और योग की शिक्षा ली। 1985 में हिमालय की कंदराओं से बाहर आने के बाद स्वामी अवधेशानंद की भेंट स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि से हुई। स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि से दीक्षा लेकर जूना अखाड़े में प्रवेश किया।