Gwalior Crime News: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़ी है। क्राइम ब्रांच पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर नोट छापने वाले हाइटेक मशीनें जब्त की है। आरोपी 8वीं फेल हैं, लेकिन तकनीकी तौर पर काफी दक्ष हैं। नोटों की सप्लाई वह भिंड, मुरैना, शिवपुरी जैसे छोटे शहरों में करते थे। धीरे-धीरे यह कारोबार पूरे मध्य प्रदेश में फैलाना चाहते थे।
इंटरनेट पर सीखे नोट छापने के तरीके
बदमाशों ने पुलिस को बताया कि नकली नोट छापने की ट्रेनिंग उन्होंने ग्वालियर में ही गुरु नाम के व्यक्ति से ली थी, लेकिन उसके तरीके में कुछ कमियां थीं। जिस कारण नोट नकली है, लोग पहचान लेते थे। आरोपियों ने इंटरनेट और यूट्यूब से जानकारी जुटाई और फिर खामियों को दूर कर ग्वालियर के जागृति नगर में नकली नोट छापने का पूरा सेटअप डाल दिया।
दोनों आरोपी भिंड जिले के रहने वाले
क्राइम ब्रांच के एएसपी शियाज केएम ने बताया कि रविवार देर रात दबिश देकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी अंसार अली भिंड जिले के पवई गांव और अशोक माहौर दंदरौआ मौ का रहने वाला है। अंसार अली शातिर बदमाश है, उसके खिलाफ धोखाधड़ी 4 और वाहन चोरी का 1 मामला दर्ज है।
1.86 लाख के नोट जब्त
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने 2 लाख के नोट अशोकनगर में चला चुके हैं। नोटों की एक खेप उन्होंने श्योपुर भेजी है। पुलिस ने फैक्ट्री से 1.86 लाख के नोट जब्त किए हैं। इन्हें गुना भेजने की तैयारी थी। आरोपियों ने दो महीने में 4 लाख के नोट खपाने की बात स्वीकारी है, लेकिन पुलिस को इससे ज्यादा की आशंका है।
छोटे नोटों पर फोकस
आरोपियों ने बताया कि अभी दनका फोकस ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में था, लेकिन धीरे धीरे वह नकली नोट का रैकेट पूरे मध्य प्रदेश फैलाना चाहते थे। आरोपी 50, 100 और 200 रुपए के नोट ही छापते थे। इनमें लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते। 500 के नोट लोग बारीकी से देखते हैं। इसलिए यह नोट छापने से बचते थे।