Gwalior Madhavi Raje Scindia passed away: ग्वालियर राजघराने की वरिष्ठ सदस्य व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया। बुधवार सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। माधवी 75 साल की थीं। पिछले तीन महीने से लंग्स में इनफेक्शन के चलते बीमार थीं। आज अंतिम संस्कार के लिए उनकी पार्थिव देह ग्वालियर लाई जाएगी।
माधवी राजे सिंधिया का स्वास्थ पिछले माह ही क्रिटिकल स्टेज पर पहुंच गया था। बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हैं, लेकिन चुनाव के दौरान उनकी तबीयत बिगड़न के चलते कई बार चुनाव प्रचार छोड़कर उन्हें दिल्ली जाना पड़ा था। बहु और पोते महाआर्यमन सिंधिया भी गुना में अपने कार्यक्रम निरस्त कर दिल्ली चले गए थे।
शादी से पहले माधवी राजे का नाम किरण राज लक्ष्मी था
सिंधिया राजघराने की बहू बनने से पहले माधवी राजे का नाम किरण राज लक्ष्मी था। वह नेपाल राज परिवार से ताल्लुक रखती हैं। 8 मई 1966 को ग्वालियर के तत्कालीन महाराज माधव राव सिंधिया से उनकी शादी हुई थी। उनकी शाही शादी तब खूब चर्चा में रही। ग्वालियर से दिल्ली माधव राव की बारात ट्रेन से गई थी।
नेपाल के प्रधानमंत्री थे माधवी राजे के दादा
माधवी राजे सिंधिया का जन्म नेपाल के राणा राजवंश परिवार में हुआ। राणा राजवंश के प्रमुख जुद्ध शमशेर जंग बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री भी रहे हैं। 60 के दशक में सिंधिया परिवार में उनके शादी का प्रस्ताव आया था।
पति माधवराव सिंधिया थे देश के ताकतवर नेता
ग्वालियर राज परिवार भी राजनीतिक तौर पर काफ समृद्ध है। माधवी राजे के पति माधवराव सिंधिया देश के ताकतवर व लोकप्रिय नेताओं में शुमार थे। लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लोकसभा चुनाव हरा दिया था।
बेटे ने संभाली विरासत, खुद को रखा पीछे
माधवराव सिंधिया राजीव गांधी की सरकार में मंत्री रहे। दो बार वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए। लेकिन एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उनका निधन हो गया। जिसके बाद बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनकी विरासत संभाल रहे हैं। माधवी राजे रायल फैमिली से होने के बावजूद कभी राजनीतिक तौर पर सक्रिय नहीं हुईं। पर्दे के पीछे रह कर काम किया।