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MP News: भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल को देश की सबसे बड़ी उपलब्धि मिली है। यह देश का ऐसा पहला अस्पताल बन गया है, जिसे पांच साल के लिए पूर्ण नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) की मान्यता मिल गई है।

MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल को देश की सबसे बड़ी उपलब्धि मिली है। हमीदिया देश का ऐसा पहला अस्पताल बन गया है, जिसे पांच साल के लिए पूर्ण नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) की मान्यता मिल गई है। खास बात यह है कि यह मान्यता सभी 1820 बिस्तर, लैबोरेट्रीज व अन्य सुविधाओं के लिए मिली है। यह मान्यता देश के किसी भी अस्पताल को पूरी तरह अभी तक नहीं मिली है।

विशेष अनुदान का पात्र बना अस्पताल
एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने से अस्पतालों को मान्यता प्राप्त करने के लिए आपातकालीन और आवश्यकताओं के अनुरूप एक विश्वसनीय मान्यता मिलती है। यह मान्यता मिलने के बाद हमीदिया अस्पताल आयुष्मान के तहत केन्द्र के विशेष अनुदान का पात्र हो गया है। अब हमीदिया को आयुष्मान के तहत प्रत्येक बिल पर 10 फीसदी अतिरिक्त भुगतान होगा। मालूम हो कि एनएबीएच एक गुणवत्ता प्रमाणपत्र है जो अस्पतालों को उच्च गुणवत्ता और पेशेवरता के मानकों का पालन करने में मदद करता है।

एनएबीएच टीम ने किया या निरीक्षण
हमीदिया अस्पताल में एक-दो अगस्त को एनएबीएच के विशेष दल द्वारा अस्पताल का निरीक्षण कर विभिन्न मानको में परखा गया था, जिसमे हमीदिया चिकित्सालय को मरीजों एवं कर्मचारियों के हितों के लिए अच्छे काम एवं उच्च सेवाओं के लिए यह एक्रेडिटेशन 2024 से 2028 तक के प्रमाण पत्र से सम्मानित किया है।

तीन चरणों में मिलता है प्रमाण-पत्र
यह प्रमाण पत्र क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से दिया जाता है। पहला चरण एंट्री लेवल का होता है। इसमें अस्पताल में गुणवत्ता के स्तर में मामूली सुधार करने पर ही यह प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। इसके बाद दूसरा चरण प्रोग्रेसिव स्तर का होता है। इसमें अस्पताल को कुछ मापदंडों पर खरा उतरना होता है। इस चरण को पूरा करने के बाद अंतिम सर्टिफिकेट दिया जाता है।

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