Harda Blast Update: हरदा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने पटाखा फैक्ट्री संचालक सोमेश अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल, रफीक खान उर्फ मन्नी पटेल, आशीष, अमन और आयुष गर्ग को लेकर कोर्ट में पहुंची। सिविल लाइन थाना प्रभारी संतोष चौहान ने बताया कि आरोपी रफीक खान को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। पांच अन्य आरोपियों को एक दिन की अतिरिक्त पुलिस रिमांड पर सौंप दिया। बता दें, इन आरोपियों की रिमांड गुरुवार को खत्म हो गई थी।

हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में रविवार को छठे आरोपी अभिषेक अग्रवाल को देवास के खातेगांव से गिरफ्तार किया गया है। पांच आरोपी पहले ही पुलिस की गिरफ्त में थे। सभी आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था जिसमें आज एक आरोपी को जेल भेज दिया है। जबकि 5 आरोपियों को एक दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है।

पटाखा फैक्ट्री में हुआ था ब्लास्ट
हरदा की पटाखा फैक्ट्री में 6 फरवरी की सुबह 11 बजे ब्लास्ट हुआ था। इस धमाके से 13 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। ब्लास्ट के बाद पूरा इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख और घायलों को 2-2 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया था। 

बिना लाइसेंस के चला रहे थे फैक्ट्रियां 
पटाखा फैक्ट्री चलाने वाले बिना लाइसेंस के ही फैक्ट्रियां चला रहे थे। आम पटाखा विक्रेताओं की तरह पटाखों को स्टॉक करने का लाइसेंस था। लेकिन आम लाइसेंस को मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। राजेश और सोमेश अग्रवाल दोनों मिलकर बिना लाइसेंस के 4 फैक्ट्रियां चला रहे थे। तत्कालीन कलेक्टर ऋषि गर्ग ने 2022 में फ़ैक्ट्री लाइसेंस को सस्पेंड किया था।

सभी 9 शर्तों का किया था उल्लंघन 
जानकारी के अनुसार चार माह पहले एडीएम की जांच में विस्फोट अधिनियम की सभी 9 शर्तों का उल्लंघन करते पाया गया था। फैक्ट्री के 19 कमरों में जांच की तो कच्चा माल, निर्माण सामग्री समेत सुतली बम, पटाखे और अन्य मिक्स सामग्री मिली थी। जिसकी संख्या करीब 26.80 लाख थी।, जबकि फैक्ट्री को 15 किलो बारूद रखने की ही अनुमति थी। इसे फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल ने भी अपने बयान में स्वीकार किया था।