MP में स्वास्थ्य विभाग ने बदली पॉलिसी: सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को पीजी में दाखिले के लिए इस्तीफे की शर्त पर एनओसी 

MP News : जबलपुर के सरकारी अस्पताल में 2 साल से कम समय तक कार्यरत रहे डॉक्टर्स को नौकरी से इस्तीफा देने के बाद ही इन सर्विस कोटे की सीट पर एडमिशन की एनओसी विभाग देगा।

By :  Desk
Updated On 2024-06-02 13:02:00 IST
इस्तीफे की शर्त पर मिलेगी पीजी में दाखिले की एनओसी

MP News : जबलपुर के सरकारी अस्पताल में 2 साल से कम समय तक कार्यरत रहे डॉक्टर्स को अब नौकरी से इस्तीफा देने के बाद ही इन सर्विस कोटे की सीट पर एडमिशन की एनओसी स्वास्थ्य विभाग देगा, जबकि 2 से 5 साल तक की नौकरी वाले डॉक्टर्स को डिग्री कंपलीट होने के सात दिन के भीतर स्वास्थ्य संचालनालय में अपनी ज्वाइनिंग देनी होगी। ऐसा नहीं करने करने पर संबंधित डॉक्टर की पीजी अथवा सुपर स्पेशिएलिटी डिग्री की समयावधि को संबंधित की सर्विस बुक में शामिल नहीं किया जाएगा। 

बांड भरना होगा जो 50 लाख रुपए का होगा
यह प्रावधान स्वास्थ्य विभाग ने हायर स्टडी पीजी पॉलिसी 2024 में किए हैं जिसे डायरेक्टर हेल्थ दिनेश श्रीवास्तव ने जारी किया है। हायर स्टडी पीजी पॉलिसी के नियमों के मुताबिक 2 से 5 साल तक की नौकरी वाले सरकारी डॉक्टर्स को डिग्री कंपलीट होने के बाद पांच साल की नौकरी सरकारी अस्पताल में करने का बांड भरना होगा जो 50 लाख रुपए का होगा। डॉक्टर्स को 50 लाख रुपए का बांड पीजी अथवा सुपर स्पेशिएलिटी डिग्री कोर्स में दाखिले से पहले भरना होगा। बांड की राशि सरकारी अकाउंट में जमा करने के बाद ही इन सर्विस कोटे की सीट पर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की पात्रता एनओसी जारी होगी।

सरकारी डॉक्टर्स के लिए 30 फीसदी सीटें रिजर्व
राज्य के 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अलग अलग स्पेशिएलिटी की 1262 पीजी डिग्री डिप्लोमा सीट हैं। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों के मुताबिक सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसदी सीटें ऑल इंडिया कोटे के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व है। जबकि शेष 50 फीसदी सीटों में से 30 प्रतिशत सीटों पर इनसर्विस कोटे के उम्मीदवारों को एडमिशन दिए जाने का प्रावधान है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर्स के लिए रिजर्व पीजी सीटों की संख्या 190 है।

बांड अमाउंट जमा करने पर एनओसी
सरकारी अस्पताल में कार्यरत बांडेड डॉक्टर्स को इनसर्विस कोटे के तहत पीजी कोर्स में दाखिले की पात्रता इस्तीफे के साथ बांड की राशि जमा करना होगी। साथ ही विभागीय जांच व आपराधिक मामला दर्ज होने पर एनओसी नहीं दी जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अस्पतालों में सीधी भर्ती से चयनित मेडिकल ऑफिसर (एमओ) और स्पेशलिस्ट को दूसरे डिपार्टमेंट की भर्ती परीक्षा, इंटरव्यू में शामिल हो सकेंगे। लेकिन, इस भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए संबंधित डॉक्टर को तकनीकी इस्तीफा (टेक्नीकल रिजाइन) देना होगा। इसके बाद ही संबंधित डॉक्टर को स्वास्थ्य विभाग दूसरे विभाग की भर्ती परीक्षा, इंटरव्यू में शामिल होने की अनुमति देगा।

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