MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हाट बाजारों और हाथ ठेलों में सब्जी 40 रुपए प्रति किलो से नीचे नहीं बिक रही है। टमाटर, करेला, फूल गोभी, बरबटी, प्याज, धनिया और अदरक के दामों में उछाल आने से रसोई का बजट गड़बड़ा गया है।
थोक सब्जी कारोबारियों के अनुसार बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर काफी अधिक बढ़ गया है। नदियों के किनारे खेतों में लगी सब्जियां नष्ट हो गई हैं। इसके अलावा भारी बारिश की वजह से पहाड़ों पर हो रहे भूस्खलन से वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। जिस कारण सब्जियां पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पा रही हैं और सब्जियों के दाम रसोई का बजट बिगाड़ रहे हैं।
नदियों के किनारे सब्जियां नष्ट
करोंद स्थित थोक सब्जी मंडी के टमाटर विक्रेता राजेन्द्र सैनी ने बताया कि टमाटर के भाव में कमी आई है, लेकिन सब्जियों के तेवर चढ़ ठाए है। अभी कुछ दिनों पहले टमाटर की बढ़ी कीमत पर लोग हयातीचा सत्ता रहे थे, लेकिन अब दाम के घटने से लोगों ने राहत की सांस ली है। मंडी में टमाटर के थोक भाव 600 से 700 रुपए कैरेट (22 से 24 किलो) है।
सब्जी विक्रेता मो. वसीम और मी. सलीम के अनुसार मंडी में सब्जियों की आवक घटकर आधी हो गई है। पूरी मंडी में करीब 40 पिकअप सब्जियों की आवक है। कम आवक के चलते सब्जियों के दाम में बढ़े हुए है। मो. वसीम और राजेंद्र सेबी के अनुसार में मिही के थोक भाव 25 से 30 रुपए किलो है जबकि ककड़ी 20 रुपार, पता गोभी 5 रुपए, करेला 30 रुपार, बरबटी 30 रुपए, मिर्ची 40 रुपर, लौकी 3 से 16 रुपर, फूलगोभी 40 रुपए, मिलकी 30 रुपए, धनिया 40 रुपए, बेतान 20 से से 30 रुपए और कद्दू 12 से 15 रुपए किलो के भाव बिक रहा है, लेकिन हाट बाजारों के अलावा अन्य खुदरा सब्जी विक्रेता सब्जियों दोगुने दाम पर सब्जियों की बिक्री कर रहे है।
कारोबारियों के अनुसार मंडी में गोभी का थोक रेट 40 रुपए प्रति किलो है। अगले कुछ दिन और भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में न केवल सब्जियों के आवक कम हो जाएगी, बल्कि कीमत भी बढ़ जाएगी। ऐसे में इसका सीधा असर आम इंसान की जेब पर पड़ेगा।
ग्राहक-व्यापारी सभी हलाकान
राजेन्द्र सैनी ने बताया कि मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में देर से हुई बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान के चलते दोगुना किसानों ने बताया कि अब सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। थोक बाजारों में अब आलू, प्याज और टमाटर जैसी रसोई की मुख्य वस्तुओं के साथ ही फूलगोगे पत्ता गोभी और लौकी जैसी हरी सब्जियों के दामों में भी उछाल आया है।
ट्रांसपोर्ट का भाड़ा दोगुना
ट्रांसपोर्ट का भाड़ा दोगुना हो रहा है। बीते साल एक पिकअप वाहन चालक खेत से टमाटर लोड करके करीब 2000 रुपए में सब्जी मंडी तक ले जाता थे, लेकिन अब यही पिकअप चालक 2500 से 3000 हजार रुपये मांग रहे हैं।