Health Advisory for cold wave : UP-MP सहित पूरे उत्तर भारत में इन दिनों ठंड का कहर जारी है। पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) और बर्फबारी (snowfall) के चलते इंदौर भोपाल सहित मध्य प्रदेश के 28 जिलों में शीतलहर (cold wave) का दौर जारी है। हाड़ कंपा देने वाली इस ठंड में कोल्ड स्ट्रोक और हाइपोथर्मिया खतरा बढ़ गया है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग ने ठंड से बचाव के लिए एडवाइजरी (Health Advisory) जारी की है। इसे फाॅलो कर ठंड के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
स्वास्थ्य आयुक्त (Health Commissioner) तरुण राठी (Tarun Rathi) ने मौसम के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कहा दिसम्बर-जनवरी में शीतलहर (cold wave) के दौरान सर्द हवाओं से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ते हैं। इससे सावधान रहने की जरूरत है।
ठंड से बचने इन बातों का रखें ख्याल
- स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी ने आम नागरिकों से अलर्ट रहने की सलाह दी। कहा, मौसम के पूर्वानुमानों की जानकारी लेकर अपना रूटीन तय करें।
- शीतलहर में अनावश्यक यात्रा न करें। जितना संभव हो घर के अंदर रहें। ठंड में ज्यादा देर तक बाहर न रहें।
- ठंड में पर्याप्त ऊनी कपड़ें पहनें। सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को ढंककर रखें। खासकर, बाहर जाते समय ग्लब्स, मफलर सहित अन्य कपड़े जरूर पहनें।
- विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां खाएं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें।
- ठंड में बेसहारा लोगों को काफी परेशानी होती है। लिहाजा, आस-पड़ोस में रहने वाले वृद्ध, बच्चों और बेसहारा लोगों का हर संभव मदद करें। उनकी सेहत का विशेष ख्याल रखें।
- नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू और नाक से खून आने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
बंद कमरों में अंगीठी का न करें उपयोग
बंद कमरों में अंगीठी या फायर पॉट उपयोग करने से कार्बन मोनोऑक्साइड निकलती है। जो बेहद खतरनाक है। इससे जान भी जा सकती है। इसलिए बंद कमरों में अंगीठी फायर पॉट का प्रयोग न करें।
ठंड से हो सकती है समस्या
- फ्रॉस्ट बाइट से त्वचा सफेद या फीकी पड़ने का खतरा रहता है। कपकपी, मांसपेशियों में अकड़न, बोलने में समस्या, अधिक नींद, सांस लेने में दिक्कत और बेहोशी जैसे लक्षण बेहद गंभीर हैं। तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।
- हाइपोथर्मिया से प्रभावित व्यक्ति को गर्म कपड़े पहनाएं और गर्म स्थान पर रखें। कंबल, तौलिया या चादर से उनका शरीर ढकें। गर्म पेय पदार्थ पीनें के लिए दें। साथ ही चिकित्सीय सलाह लें।
- शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर के तापमान को घटाता है और रक्त धमनियों में संकुचन करता है। फ्रॉस्टबाइट प्रभावित अंगों को रगड़ने से बचें, इससे और अधिक नुकसान हो सकता है। बेहोश व्यक्ति को तरल पदार्थ न पिलाएं।
अस्पतालों में हों जरूरी इंतजाम
स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी ने सभी अस्पतालों में ठंड से बचाव के जरूरी इंतजम कराने के निर्देश दिए हैं। सीएमएचओ (CMHO) और बीएमओ (BMO) से कहा, अस्पातलों में जाकर व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा करें। साथ ही शीत घात (Cold stroke) और हाइपोथर्मिया (hypothermia) की त्वरित पहचान कर प्राथमिक उपचार की समुचित व्यवस्था करें।