National Eligibility cum Entrance Test: नेशनल इलिजिबिल्टी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर यूजी (NEET-UG) की परीक्षा भी निशाने पर आ गई है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली NEET-UG की परीक्षा में शामिल एक छात्रा ने  एनटीए की आंसर-की से रिस्पोंड शीट को मिलान करने पर अंतर होने पर अब कोर्ट में याचिका लगाई है। जबलपुर हाईकोर्ट इस मामले में अब जल्द सुनवाई कर सकता है।

याचिका में यह सवाल उठाया है
इस परीक्षा के टॉप 13 छात्रों के रोल नंबरों का मिलान को लेकर भी पहले से सवाल उठ रहे हैं। देशभर में आयोजित की गई मेडिकल की परीक्षा में आंसर की से रिस्पोंड शीट में मिले अंकों में भारी अंतर को लेकर भोपाल के कोलार क्षेत्र की रहने वाली छात्रा निशिता सोनी ने याचिका दायर की है। छात्रा ने दायर की गई अपनी याचिका में यह सवाल उठाया है कि एनटीए की आंसर-की से रिस्पोंड शीट को मिलान करने पर 617 नंबर मिल रहे हैं। जबकि परीक्षा के परिणाम में यह अंक 340 है। छात्रा के अनुसार रिस्पोंड शीट और आंसर-की के मिलान करने के बाद परीक्षा परिणाम में मिले अंकों बहुत कम रहे।

NTA की ओर से किसी तरह का उत्तर नहीं
छात्रा निशिता सोनी ने इस मामले में याचिका कोर्ट में दायर की है। कोलार के गांव देहरी कलां की रहवासी छात्रा ने अपने परीक्षा परिणाम को लेकर बताया कि NTA से उसने रिव्यू कराने की अपील की थी। इसके लिए छात्रा ने अपनी ओर ईमेल भी किया, निश्चित अवधि तक इंतजार भी किया। NTA की ओर से किसी तरह का उत्तर नहीं दिए जाने पर छात्रा निशिता सोनी ने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

मामले की सुनवाई को लेकर अभी कोई भी तारीख नहीं
छात्रा निशिता की ओर से जानकारी दी गई है कि मप्र हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच में याचिका दाखिल की है। याचिका में यह कहा गया है कि नीट-यूजी की परीक्षा के परिणाम में त्रुटियां देखी गई है। इस संबंध में कोर्ट ने याचिका को WP/16295/2024 नंबर पर रजिस्टर भी कर लिया है। हालांकि की कोर्ट ने मामले की सुनवाई को लेकर अभी कोई भी तारीख नहीं दी है। छात्रा ने जानकारी दी है कि संबंधित परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और परीक्षा के 25 दिन बाद एग्जाम एजेंसी एनटीए ने आंसर-की  रिस्पोंड शीट ईमेल पर भेजी थी।