प्रशांत शुक्ला, भोपाल।
आयकर विभाग ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक राजेश शर्मा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने भोपाल में शर्मा के करीब 250 करोड़ की 24 प्रॉपर्टी अटैच कर ली है। हाल ही में विभाग में छापे में जब्त दस्तावेजों की जांच में करोड़ो की टैक्स चोरी का खुलासा किया था। आयकर विभाग राजेश शर्मा के बयान लेने की तैयारी में भी है। पिछले प्रदेश में आयकर विभाग ने पिछले महीने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, क्वालिटी ग्रुप, ईशान ग्रुप के संचालकों के 56 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
10 करोड़ रुपए कैश बरामद
भोपाल के 53 और इंदौर के दो व ग्वालियर के एक ठिकाने पर की गई छापेमारी में आयकर विभाग को 10 करोड़ रुपए कैश और 25 से ज्यादा बैंक लॉकर की जानकारी मिली थी। सप्ताह भर तक चली छापेमारी की कार्रवाई में कई बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। इसे आयकर टीम ने जब्त कर लिया था। इसके बाद दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद अब संबंधित लोगों को समन जारी किए जा रहे हैं। इनके बयान लेने की कार्रवाई शुरू हो गई है। छापेमारी में यह खुलासा हुआ था कि ईशान ग्रुप, क्वालिटी ग्रुप और त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के कारोबार में राजेश शर्मा ही इन्वेस्टमेंट किंग है।
आयकर विभाग ने जिला पंजीयक को लिखा पत्र
विभाग ने आईजी पंजीयन और भोपाल के वरिष्ठ जिला पंजीयक को पत्र लिखकर कहा है कि राजेश शर्मा के स्वामित्व वाली किसी भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री नहीं होने दी जाए। आयकर विभाग को आशंका है कि छापे की कार्रवाई के बाद शर्मा अपनी प्रॉपर्टी किसी को भी औने-पौने दाम पर बेच सकता है। आयकर के पत्र के बाद भोपाल में सब रजिस्ट्रार तक यह निर्देश वरिष्ठ जिला पंजीयक के माध्यम से पहुंचाए गए हैं कि राजेश शर्मा के मालिकाना हक की किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री आयकर विभाग की अनुमति बिना नहीं की जाएगी।
गोयनका से पूछताछ
पिछले दिनों आयकर विभाग ने रायपुर के खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका को भी समन जारी कर बयान के लिए तलब किया था। गोयनका राजेश शर्मा से सीधा कनेक्शन निकला है। पिछले दिनों मीडिया के जरिए भी गोयनका ने शर्मा से अपने संबंधों को स्वीकार भी किया था।
गोयनका पर आरोप है कि भोपाल में सेवनिया गौड़ इलाके में खरीदी गई जमीन के मामले में उनके द्वारा 50 करोड़ रुपए का नकद पेमेंट किया है। यह काम राजेश शर्मा के माध्यम से किया है। इसलिए महेंद्र गोयनका से विभाग की टीम दो दिन से पूछताछ कर रही है।
दरअसल, गोयनका पर आरोप है कि उन्होंने राजेश शर्मा के जरिए भोपाल में 300 करोड़ से ज्यादा निवेश किया। यह निवेश बेनामी जमीनों की खरीदारी में किया गया। जिसमें आयकर विभाग को शैल कंपनियों के जरिए टैक्स चोरी के संकेत मिले थे। इसकी जांच आयकर द्वारा जारी है। शर्मा पर आयकर के छापे के बाद गोयनका विदेश चले गए थे जो हाल ही में लौटे हैं।
लाल रंग की डायरी में कई मंत्रियों के नाम
लोकायुक्त के छापे में सौरभ शर्मा के ठिकाने से लाल रंग की डायरी बरामद हुई है, जिसमें सरकार के पूर्व मंत्रियों सहित कई मौजूदा मंत्रियों के नाम है। सबसे पहले पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव इसको लेकर अपनी सफाई दे चुके हैं कि मुझे डायरी की जानकारी नहीं है लेकिन जहां तक विश्वास है कि मेरा नाम इस डायरी में नहीं होगा।
कांग्रेस भी हुई एक्टिव
बताया जा रहा है कि कई मौजूदा मंत्रियों के भी इसमें नाम है जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। लोकायुक्त राज्य की एजेंसी है इसलिए इस बात की उम्मीद कम है कि डायरी के सभी नाम बाहर आ पाएंगे। डायरी में 2 हजार करोड़ के संदिग्ध लेनदेन का हिसाब किताब है। कांग्रेस भी इस मामले को लेकर आक्रामक है। एक दिन पूर्व पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा था कि इस डायरी को पब्लिक डोमेन में लाना चाहिए। उन्होने कहा था कि लोकायुक्त से आग्रह करता हूं कि डायरी की सारी बातें सार्वजनिक होनी चाहिए।