इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय: पारंपरिक भील जायके का लुत्फ उठाएंगे दर्शक, इसमें सेहत का खजाना  

Bhil Food in Indira Gandhi National Human Museum
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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में भील जायका
Bhopal: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आने वाले दर्शक अब पारंपरिक भील जायके का लुत्फ उठा पाएंगे।

भोपाल (आशीष नामदेव): इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल द्वारा संग्रहालय भ्रमण पर आने वाले दर्शकों की मांग पर भील जनजाति के पारंपरिक भोजन कार्यक्रम जायका की शुरुआत की गई है। इसमें दर्शकों को मक्का की रोटी, बैंगन का भर्ता, धनिया-लहसुन की चटनी परोसी जाएगी।

इसके तहत संग्रहालय की कैंटीन में हर शनिवार और रविवार दोपहर 1 बजे से 4 बजे के बीच स्वाद प्रेमियों के लिए मध्य प्रदेश के भील जनजाति का पारंपरिक भोजन परोसा जाएगा। इसमें मक्का की रोटी, बैगन का भर्ता, धनिया-लहसुन की चटनी और गुड़ जैसे पारंपरिक व्यंजनों को चखने का मौका मिलेगा। इस भोजन को भोपाल शहर के लोगों ने काफी पसंद किया गया है।

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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रोफेसर अमिताभ पांडे ने बताया कि पिछले 2 दशकों में विश्व के तमाम बड़े वैज्ञानिकों ने अपने शोध से ये साबित भी किया है कि आदिवासियों के प्राकृतिक आहार को यदि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपना लें, तो पोषक तत्वों की कमी से होने वाले अनेक रोगों की छुट्टी हो सकती है। मक्के की रोटी का सेवन करने से हमारे शरीर को फाइबर प्राप्त होता है, जो कि आपको पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने में मदद करता है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। साथ ही फाइबर युक्त आहार आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है।

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