इंदौर। इंदौर-उज्जैन दोहरीकरण के ट्रायल के दौरान बड़ा हादसा हो गया। लसूड़िया थाना क्षेत्र से गुजर रहे नए रेलवे ट्रैक पर दो छात्राएं ट्रेन की चपेट में आ गईं। उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। बड़ी लापरवाही सामने आने पर केंद्रीय रेल मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। परिजन का आरोप है कि ट्रायल रन से पहले सूचना नहीं देने से छात्राओं की जान चली गई।
दोनों रोज इसी रास्ते से जाती थी कोचिंग
बता दें कि गुरुवार को ट्रेन की चपेट में आने से बबली (17) पिता पन्नालाल मासरे व राधिका (17) पिता दिनेश भास्कर दोनों निवासी कैलोद कांकड़ पंचवटी कॉलोनी की मौत हो गई। जिस ट्रैक पर दुर्घटना हुई, वहां से ट्रेन पहली बार गुजरी थी। जांच में पता चला कि बबली, राधिका, साधना रोज सैटेलाइट जंक्शन स्थित कोचिंग क्लास जाती थीं। शाम को लौट रही थीं। ट्रैक क्रॉस करते समय साधना आगे चल रही थी। पीछे बबली, राधिका आ रही थीं। देवास की ओर से नए ट्रैक से आ रही ट्रॉयल ट्रेन की चपेट में राधिका और बबली आ गईं।
रेलमंत्री ने दिए जांच के आदेश
कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि दु:ख की इस घड़ी में सरकार मृतक बच्चियों के परिजन के साथ है। परिवारों को नियमानुसार राहत राशि दी जाएगी। सिलावट ने घटना की जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को दी। वैष्णव ने रतलाम रेल मंडल के डीआरएम रजनीश कुमार को जांच के आदेश दिए हैं।
120 किमी की रफ्तार से थी ट्रेन
बबली, राधिका और साधना ट्रैक क्रास कर रही थी कि अचानक ट्रेन (सीआरएस स्पेशल ट्रेन) आ गई। इसकी स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा थी। अचानक आई ट्रेन से बच्चियां घबरा गई। बच्चियों को लगा कि ट्रेन पुराने ट्रैक से निकलेगी, क्योंकि नए ट्रैक पर तो ट्रेन की आवाजाही बंद है और वे नए ट्रैक पर रुक गईं। राधिका आगे निकल चुकी थी। ट्रेन ने दोनों को चपेट में ले लिया।