SBI Index: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 'महंगाई डायन खाए जात'; ये स्टेट सबसे सस्ता

Inflation Rate: देश में दाल-सब्जी सहित अन्य सामग्री की बढ़ती कीमतों से हर कोई परेशान है। अक्टूबर में महंगाई दरें 14 माह का रिकॉर्ड तोड़ते हुए शीर्ष पर पहुंच गईं। राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में महंगाई दर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई। जो कि रिजर्व बैंक की निर्धारित सीमा से अधिक है। मूल्यवृद्धि का यह आंकड़ा छत्तीसढ़ में सर्वाधिक और राजस्थान में सबसे कम है। मध्य प्रदेश में खुदरा महंगाई दर 7.03 फीसदी है।
MP में महंगाई दर 3 प्रतिशत बढ़ी
रिसर्च के मुताबिक, राजस्थान इकलौता राज्य है, जहां महंगाई की दर घटी है। जबकि, छत्तीसगढ़ में यह दोगुनी रफ्तार से बढ़ी है। एक साल में यहां 6.4 प्रतिशत तक कीमतें बढ़ी हैं। अक्टूबर में खुदरा महंगाई 8.84 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है। एमपी औसत महंगाई दर 3 प्रतिशत और खुदरा महंगाई दरें 7.03 फीसदी रहीं।
हिंदी भाषी राज्यों में ज्यादा असर
महंगाई का सर्वाधिक असर हिंदी भाषी राज्यों में दिखा। छत्तीसगढ़ में फुटकर महंगाई सलाना आधार पर करीब 4 गुना बढ़ी। खाने-पीने के सामान के दामों में गिरावट से घटी महंगाई, मार्च में खुदरा महंगाई दर घटकर आई 5.66 फीसदी पर इसलिए बढ़े रेट
UP-बिहार सहित 10 राज्यों में महंगाई ज्यादा
यूपी-बिहार सहित 10 राज्यों में महंगाई की रफ्तार औसत से ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में तो खुदरा महंगाई दरें 8.84 फीसदी तक बढ़ी हैं। जबकि, बिहार 7.83 फीसदी के दूसरे और ओडिशा (7.51) तीसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में अक्टूबर में महंगाई दर 7.36 फीसदी और एमपी में 7.03 फीसदी रही।
उत्तराखंड-गुजरात के शहरों में ज्यादा महंगाई
छत्तीसगढ़ में रूरल इनफ्लेशन 9.70 फीसदी और शहरों में इनफ्लेशन 7.42 फीसदी रहा। जबकि, उत्तराखंड और गुजरात में महंगाई दर ग्रामीण क्षेत्र की बजाय शहरों में अधिक रही। राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो शहरों में महंगाई दर गत माह 5.62 फीसदी और रूरल इनफ्लेशन 6.68 फीसदी रहा।
त्याेहारों के चलते बढ़ी महंगाई
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महंगाई दर का दायरा 6 फीसदी निर्धारित किया है। सरकार की कोशिश रहती है कि महंगाई दर 6 फीसदी से नीचे रहे, लेकिन अक्टूबर में स्थिति संतोषजनक नहीं हैं। सितंबर में महंगाई दर (Inflation Rate ) 5.49 प्रतिशत थी, लेकिन अक्टूबर में यह आंकड़ा 6 फीसदी के ऊपर पहुंच गया। जो कि अगस्त-2023 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। महंगाई की एक वजह दिवाली और दशहरा जैसे त्योहार भी माने जा रहे है।
टमाटर-प्याज समेत अन्य सब्जियां महंगी
दरअसल, बेमौसम बारिश के चलते टमाटर-प्याज सहित अन्य सब्जियों के दाम तेजी से बढ़े हैं। दाल-चावल और आटे की कीमतें भी बढ़ी हैं। खान-पान की वस्तुएं महंगाई दर को ज्यादा प्रभावित करती हैं। अक्टूबर में खाद्य महंगाई 9 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गई है। सितंबर में यह 5 से फीसदी से बढ़कर 6 प्रतिशत है।
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