Bhopal: मध्यप्रदेश पयर्टन ने इतिहास के गौरवशाली पन्नों में दर्ज महान कलाकारों को सम्मान देने के लिए एक नई पहल के अंतर्गत मशहूर संगीतकार बैजू बावरा पर आधारित एक भव्य नाट्य मंचन जनजातीय संग्रहालय में होने जा रहा हैं। इस प्रस्तुति से पहले चंदेरी के युवाओं को स्टोरी टेलिंग के माध्यमों से प्रशिक्षित किया। इसके बाद चंदेरी के 50 स्थानीय युवक-युवतियों का चयन करके उन्हें नाट्य प्रशिक्षण दिया। इस नाट्य प्रशिक्षण के दौरान हरिभूमि ने इन कलाकारों से बातचीत की तो किसी ने बताया कि मेरी मां बीड़ी बनाने का काम करती तो वहीं कोई करता बुनकर का काम।
दिल्ली में करता कपड़ों की दुकान पर काम, मां बनाती है बीड़ी
नाटक में तबला वादक का किरदार निभाने वाले अमर चौधरी का कहना है कि मैं दिल्ली में कपड़ों की दुकान पर काम करता हूं और मेरी मां बीड़ी बनाने का काम करती। जब इस नाटक का पता चला तो मैंने दिल्ली की टिकट कैंसल कराया, छुट्टी ली और नाटक में लग गया क्योंकि यह हम चंदेरी वासियों के लिए बड़ा ही उम्दा मौका है और इसे मैं छोड़ना नहीं चाहता था।
रील्स व वीडियो के चलते बने 10 के फॉलोअर्स
नाटक में अकबर का रोल निभाने वाले राहुल का कहना है कि मैं पहले डांस करता था और रील्स व वीडियो बनाता था, जिसमें मेरे 10 के फॉलोअर्स हो गए थे, लेकिन फिर पारिवारिक हालात ऐसे रहे कि मुझे यह काम छोड़ना पड़ा, लेकिन जब इस नाटक के बारे में पता चला तो मैंने सब काम छोड़कर इस ओर आ गया।
ये भी पढ़ें: 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों को जल्द मिलेगी खुशखबरी; खाते में आएगी इतनी राशि
बुनकर परिवार से हूं पापा बनाते हैं साड़ियां
नाटक में सैनिक का रोल निभाने वाले सचिन कोली का कहना है मैं बुनकर परिवार से हूं मेरे पापा साड़ी बनाने का काम करते, मैं हैदराबाद जाकर चंदेरी की साड़ियों को बेचता हूं। लेकिन जब इस नाटक के बारे में पता चला तो मैंने अपना हैदराबाद का टिकट कैंसल कराया और लग गया रिहर्सल में।
चंदेरी की ऐसी पहली लड़की हूं जो थिएटर कर रही
बैजू बावरा की प्रेमिका गोरी का किरदार निभाने वाली श्रेया शर्मा ने कहा कि मैं बीए की स्टूडेंट हूं और शायद चंदेरी की ऐसी पहली लड़की हूं जो थिएटर कर रही है। हमारे चंदेरी में ऐसा कोई मंच अभी तक नहीं था, लेकिन यह हम युवाओं के लिए एक उम्दा प्लेटफार्म है।
स्थानीय युवाओं को मिलेगा एक मंच और वो बनेंगे पर्यटन मित्र
नाटक में परिकल्पना देने वाले आलोक चौबे ने कहा कि पर्यटन विभाग का उद्देश्य प्रदेश के स्थानीय युवक-युवतियों को रंगमंच का प्रशिक्षण देना और उन्हें स्थानीय महत्व से अवगत कराना है। साथ ही यह स्थानीय कलाकार पर्यटन मित्र की भी भूमिका निभाऐंगे, जो चंदेरी आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रकार से गाइड की भूमिका भी निभाएंगे।