मधुरिमा राजपाल, भोपाल: हर एक व्यक्ति चाहता है कि वह अपने क्षेत्र में सफल हो और उसका जीवन दूसरों के लिए प्रेरणादायक बनें, लेकिन ऐसा सभी के साथ संभव नहीं, कुछ विरले ही होते हैं जिनकी  दिनचर्या और जीवन का उद्देश्य समाज की दशा और दिशा दोनों ही सुधार सकता है। आज अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर हरिभूमि ने दो ऐसे ही दो पुरुषों को तलाशा जो अपने क्षेत्र में तो सफल हैं लेकिन उनके जीवन का उद्देश्य समाज की दशा और दिशा को सुधारने का रहा। 

लोगों को पूर्वजों के ज्ञान से स्वस्थ्य रहन की देता हूं सीख 
प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ सचिन चित्तावर कहते हैं कि यदि आप ईमानदारी से काम करते हैं तो सफलता आपके पीछे-पीछे आ ही जाती है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी पेशेंट को कोई खास मेडिसिन लेने के लिए नहीं बोला, मैं बस उन्हें अपनी दिनचर्या सुधारने के बारे में बोलता हूं ताकि वह अपने दिनचर्या से ही खुद के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा बोलता हूं कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमें पूर्वजों से ज्ञान लेना चाहिए, आप जैन मुनियों की दिनचर्या देखें कि किस तरह से नियंत्रित जीवन शैली जीते हैं।

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सिर्फ जीवनयोग्य भोजन रात होने से पहले ग्रहण करना, ज्यादा से ज्यादा चलना, और पूरी शिद्दत से अपने जीवन शैली को नियंत्रित रखते हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन चीजों को व्यक्ति अपना ले तो उसका जीवन परिवर्तित हो सकता है और वह सफल भी होगा क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है और यदि इन चीजों को आप अपनाते हैं और अपने काम के प्रति समर्पित रहते है तो आपके प्रयासों से समाज की दशा और दिशा दोनों में सुधार आता है।

पेड़ों के रुप में हमारे पास नेचुरल प्यूरीफायर है मौजूद तो करें इसका प्रयोग 
अपने पद पर रहते हुए हमेशा लोगों को पर्यावरण संरक्षण का महत्व बताने वाले और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास करने वोल रिटायर्ड आईपीएस शैलेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि मैं हमेशा से ही दूसरों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करता हूं। साइंस में ही एमएससी पीएचडी करने वाले और आईएफएस की पोस्ट पर भी काम करने वाले शैलेंद्र ने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण संरक्षण की है, आप दिल्ली सहित कई शहरों और देशों की हालत देख सकते है , ग्लोबल वार्मिंग की चेतावनी हमें अर्से से मिल रही है, बावजूद इसके पर्यावरण के प्रति हम सजग नहीं है।

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उन्होंने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स बिगड़ता जा रहा है। ऐसे में मेरा उद्देश्य लोगों को पौधा लगाने और पौधारोपण के बाद भी पौधे की केयर करने की सीख देना है। उन्होंने कहा कि जब पेड़ों के रुप में हमारे पास नेचुरल प्यूरीफायर है तो फिर हम क्यों उसका प्रयोग व संरक्षण नहीं करते। बस मेरा उद्देश्य इस नेचुरल प्यूरीफायर के प्रति युवाओं को अवेयर करना है। उन्होंने कहा कि  आज फिर से चार दशक पुराने चिपको आंदोलन की आवश्यकता है। क्योंकि यह हम सभी की नेचुरल ड्यूटी है कि हमें पर्यावरण को संरक्षित रखना है तो पेड़ पौधों को लगाना है।