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IRCTC: रेलवे के सॉफ्टवेयर की मदद से दलाल आईआरसीटीसी के सर्वर को एक निश्चित समय के लिए धीमा कर देते हैं। यहां हैकर, दलालों को मास्टर यूजर, सुपर सेलर यूजर सॉफ्टवेयर देते हैं. जिससे वे सुबह के 10 बजने के चंद सेकंड में तत्काल टिकट बुक करते हैं।

IRCTC: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित पश्चिम मध्य रेलवे जोन के जबलपुर की ट्रेनों में लंबी वेटिंग और बढ़ती भीड़ में यात्रियों के पास तत्काल कोटे का ही सहारा है, लेकिन इस पर भी टिकट दलालों ने सेंध लगा दी है। ऑनलाइन टिकट की सुविधा देने वाले आईआरसीटीसी के सर्वर से टिकट दलाल छेड़छाड़ कर रहे हैं। तत्काल कोटा में ऑनलाइन टिकट बुक करने के दौरान टिकट दलाल, हैकर की मदद से आईआरसीटीसी के सर्वर को धीमा करते हैं, जिससे आम यात्री टिकट बुक नहीं कर पाता, जबकि वे इसका फायदा उठाकर टिकट बुक कर दो से चार गुना दाम में यात्री को बेच देते हैं।

इसलिए आम यात्री बुक नहीं कर पाते टिकट
दलाल तत्काल टिकट बुक करने के लिए शहर और वहां की ट्रेनों की भीड़ पर ज्यादा जोर देते हैं। टिकट बुक करने वाले एक एजेंट ने बताया कि भोपाल व पमरे जोन से ट्रेन में बैठने वाले का टिकट भोपाल व जबलपुर से बुक नहीं होता, बल्कि उसे हावड़ा, दिल्ली, पटना और लखनऊ से बुक किया जाता है। यहां पर सर्वर के साथ छेड़छाड़ करना आसान है। यही हाल दिल्ली, चंडीगढ़, पटना, कानपुर, प्रयागराज, मुंबई, नागपुर, रायपुर, हावड़ा जैसे शहरों की ट्रेन का है। संबंधित शहर की बजाए दूसरे शहर से ऑनलाइन टिकट बुक किया जाता है। इसे पकड़ना आसान नहीं है। यही वजह है कि ऑनलाइन तत्काल टिकट, आम यात्री बुक नहीं कर पाते।

आईआरसीटीसी के सर्वर में कई खामियां
सूत्रों के अनुसार आईआरसीटीसी के सर्वर की खामियों की वजह से ऐसा कर पाना संभव है। कई बार इसे सुधारने का भी कहा गया, कुछ कदम भी उठाए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। खासतौर पर यह काम त्योहारी सीजन में होता है। जिन स्टेशनों की ट्रेनों में भीड़ ज्यादा है, उनमें यह काम ज्यादा हो रहा है। मप्र के अलावा महाराष्ट्र, उग्र, बिहार, प. बंगाल और दिल्ली में यह फर्जीवाड़ा हो रहा है। इन क्षेत्रों में आने वाले मुख्य स्टेशनों से रवाना होने वाली ट्रेनों की तत्काल टिकट लेना आम यात्रियों के लिए मुश्किल हो गया है।

ऐसे होता है पूरा खेल
दरअसल, एक सेकंड में एक साइट को निर्धारित यूजर उपयोग कर सकते हैं। इससे कुछ अधिक यूजर होने से सर्वर थोड़ा अटकता है। जब यूजर की संख्या दो से तीन गुना होगी तो सर्वर अपने आप धीमा या हँग हो जाएगा। ऐसे में सर्वर से पहले जुड़े चुके यूजर इसका उपयोग कर लेंगे। लेकिन बाद में जुड़े यूजर इसका उपयोग नहीं कर पाते। तत्काल टिकट के दलाल इस काम में हैकर की मदद लेते हैं। वे सॉफ्टवेयर की मदद से आईआरसीटीसी के सर्वर को एक निश्चित समय के लिए धीमा कर देते हैं। यहां हैकर, दलालों को मास्टर यूजर, सुपर सेलर यूजर सॉफ्टवेयर देते हैं. जिससे वे सुबह के 10 बजने के चंद सेकंड में तत्काल टिकट बुक करते हैं। आईआरसीटीसी के सर्वर की सेफ्टी बेहतर न होने की वजह से आसान हो गया है। तत्काल कोटे की सीट को चुक करने का खेल इन दिनों जोरों पर हो रहा है।

सर्वर में हो रहा सुधार
भोपाल के सीनियर डीएससी प्रशांत यादव  ने बताया कि आईआरसीटीसी लगातार अपने सर्वर में सुधार कर रहा है। हमारा पूरा प्रयास रहता है कि टिकट दलालों को पकड़कर उन पर कार्रवाई करें, जो हम लगातार कर भी रहे हैं।

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