Jabalpur Industry Conclave: मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर को भाजपा की सरकार इन्वेस्टमेंट हब बनाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार 20 जुलाई को यहां "रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव" का शुभारंभ करेंगे। उज्जैन में कॉन्क्लेव को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने के बाद अब जबलपुर में भी इसकी शुरुआत की जा रही है।
उद्योग-निवेश को बढ़ावा
जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव" के शुभारंभ को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में उद्योग-निवेश को बढ़ावा देने की दृष्टि से एक के बाद एक हम नए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उज्जैन में 1 व 2 मार्च 2024 को आयोजित "रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव" को अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। इसी तरह जबलपुर में भी इसे शुरू किया जाना है।
नए प्रस्ताव आने की संभावना
मुख्यमंत्री यादव ने अपने बयान में कहा है कि "रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव" को लेकर जिले के अलग-अलग क्षेत्र में बड़ी संख्या में नए प्रस्ताव आने की संभावना है। मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को हम औद्योगिक विकास दर में देश में नंबर-1 बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। औद्योगिक विस्तार के लिए संकल्पित मध्यप्रदेश सरकार निवेश के लिए अवसर है विशेष रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव।
कान्क्लेव का आयोजन प्रस्तावित
जानकारी के अनुसार जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव के बाद सितंबर महीने में ग्वालियर और अक्टूबर में रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव का आयोजन प्रस्तावित है। इसी दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए प्रदेश के बाहर तमिलनाडु के कोयंबटूर में 25 जुलाई को, कर्नाटक के बेंगलुरु में अगस्त में, दिल्ली में सितंबर और इंदौर में सितंबर में ही प्रस्तावित है।
कृषि एवं रक्षा क्षेत्र में निवेश की संभावना
जबलपुर में 1500 से अधिक निवेशकों की भागीदारी हो रही है। आयोजन में बायर-सेलर मीट भी रखी गई है, जिसमें 1000 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने भागीदारी की सहमति दी है। इसमें ब्रिटेन, कोस्टारीका, फिजी, ताइवान और मलेशिया का प्रतिनिधिमंडल भी भाग लेगा और कृषि एवं रक्षा क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा होगी। कॉनक्लेव में लगभग 70 परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास होंगे। रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव के बाद 7 और 8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की तैयारियां शुरू हो जायेंगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मध्यप्रदेश की नई निर्यात नीति की घोषणा होगी और निवेश बढ़ाने के लिए नये निवेशकों के साथ नई उद्योग नीति में किए गए प्रावधानों को सांझा किया जाएगा।