Jabalpur Dumna Airport: मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में बेहतर एयरलाइंस कनेक्टविटी की मांग को लेकर गुरुवार 6 जून को नो फ्लाइंग-डे मनाया जा रहा। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने क्षेत्र के सभी सांसदों से अपील की है कि जबलपुर के हित में आवाज उठाएं। शहर के तमाम सामाजिक संगठन नो फ्लाइंग-डे का समर्थन कर रहे हैं। पिछले दो माह से इसके लिए वह आंदोलनरत हैं।
वायु सेवा संघर्ष समिति के संयोजक हिमांशु खरे ने भी यात्रियों से आग्रह किया है कि गुरुवार को वह जबलपुर की वायुयात्रा न करें। विमानन कंपनियों का एक दिवसीय बहिष्कार कर नो फ्लाइंग-डे में सहयोगी बनें।
16 फ्लाइट थीं, अब छह बचीं
हिमांशु खरे ने बताया कि जबलपुर से पहले विभिन्न शहरों के लिए 16 फ्लाइट चलती थीं, लेकिन कम करते करते कंपनियोंने छह फ्लाइट कर दी। इस उपेक्ष का दंश जबलपुर ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों के लोगें को झेलना पड़ रहा है। विमानों की कमी के चलते यहां का उद्योग व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। विधि-चिकित्सकीय जैसे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते हैं।
रोजागर व्यवसाय पर पड़ रहा असर
वायु सेवा संघर्ष समिति के शंकर, नागदेव, बलदीप मैनी ने कहा, जबलपुर के युवा दिल्ली मुंबई सहित अन्य शहरों में उच्च शिक्षा व रोजगार के लिए जाते हैं। लेकिन फ्लाइट कनेक्टिविटी की कमी से परेशान होना पड़ता है। फ्लाइट की कमी के चलते बड़ी कंपनियां कैंपस सिलेक्शन के लिए जबलपुर नहीं आतीं।
डुमना विमानतल के बाहर प्रदर्शन
आंदोलन की तैयारी को लेकर बुधवार को हुई संघर्ष समिति की बैठक में नो फ्लाइंग डे की रूपरेखा सार्वजनिक की गई। अनूप अग्रवाल, मनु तिवारी व दीपक सेठी ने बताया, 6 जून को दोपहर 3:30 बजे सभी नागरिक नर्मदा क्लब, टैगोर गार्डन सदर के सामने एकत्रित होंगे और शाम 4 बजे डुमना विमानतल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर विमान सेवाओं पर प्रतिकार करेंगे।