EWS Reservation Jabalpur High Court : जबलपुर हाईकोर्ट ने EWS आरक्षण पर बड़ा फैसला सुनाया है। सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेशित किया कि 10 फीसदी EWS आरक्षण सिर्फ अनारक्षित पदों पर मिलना चाहिए। इससे SC-ST और OBC के अभ्यर्थियों को फायदा होगा।
याचिका में कहा गया था कि PEB ने लैब टेक्नीशियन के 219 पद विज्ञापित किए थे। इनमें से ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए 10 फीसदी यानी 22 पद आरक्षित होने चाहिए थे, लेकिन EWS कोटे के तहत सिर्फ 4 लोगों को नियुक्ति दी गई। कोर्ट ने पाया कि 219 रिक्तियों में से 122 पद ओबीसी, 46 पद एससी और 13 पद एसटी के लिए आरक्षित हैं। इसमें 34 सामान्य सीटें थीं।
पीईबी की प्रक्रिया को सही ठहराया
कोर्ट ने बताया कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण सामान्य जाति के गरीब अभ्यर्थियों के लिए है। इसलिए 10% आरक्षण भी सामान्य सीटों में दिया जाना चाहिए न कि न कि कुल सीटों में। अदालत ने हाल ही में ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए 4 सीटें आरक्षित करने में पीईबी को सही ठहराया और याचिका खारिज कर दी। अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर और विनायक शाह ने पुरानी भर्तियों पर सवाल उठाते हुए उन्हें निरस्त करने या फिर नई नियुक्तियों में समायोजित किए जाने की आग्रह किया है।
अनुच्छेद 15(6) तथा 16(6) की व्याख्या
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू किए जाने के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 15(6) तथा 16(6) की अहम् व्याख्या की है। कोर्ट ने इसमें स्पष्ट कर दिया कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग लोगों के लिए 10 फीसदी EWS आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इसका लाभ ओबीसी /एससी /एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को नहीं दिया जाता। ऐसे में कुल पदों में 10 फीसदी पद EWS के लिए आरक्षित किया जाना संविधान के अनुच्छेद 16(6) के प्रावधान के खिलाफ है।